अचानक एक रेस्त्रां में पहुंचे राष्ट्रपति, ली चाय की चुस्कियां; डिजिटल पेमेंट कर खरीदी किताबें
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद मालरोड पर गाड़ी से उतरकर शिमला में एक रेस्त्रां में चाय की चुस्कियां लेने के लिए पहुंच गए।
शिमला, जेएनएन। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद मालरोड की सैर करने के साथ रिज मैदान में स्थापित महात्मा गांधी को नमन किया और डिजिटल लेन-देन करते हुए 1600 रुपये की किताबें खरीदी। राष्ट्रपति मंगलवार को मालरोड पर गाड़ी से उतरकर आशियाना रेस्त्रां में चाय की चुस्कियां लेने के लिए पहुंच गए। इस दौरान ऐसा लग ही नहीं रहा था कि राष्ट्रपति चाय पीने के लिए आए हैं और वहां मौजूद अन्य लोग भी वैसे ही अपने खाने-पीने का आनंद लेते रहे। चाय की चुस्कियां लेने के बाद उन्होंने अपनी जेब से बिल अदा किया।
इसके बाद वह मालरोड में मिनरवा बुक डिपो पहुंचे और दो पुस्तकें, जिनमें शिमला-कालका रेललाइन जिसे यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर घोषित से संबंधित राज भसीन की पुस्तक द टॉय ट्रेन व अमिश की अमर भारत पुस्तक खरीदी। उनके साथ पोता और पोती भी थे उनके लिए हैरी पोटर सहित 16 पुस्तकें खरीदी। उन्होंने जेब से क्रेडिट कार्ड निकाला और डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देते हुए बिल चुकाया। इसके बाद वह पैदल पत्नी सविता कोविंद के साथ रिज पर महात्मा गांधी की मूर्ति के पास पहुंचे और उन्हें नमन किया। उधर, सविता कोविंद ने ढली में विशेष बच्चों से मुलाकात की और उनसे बातचीत की। वह वहां काफी देर तक रुकीं।
गौरव की बात, राष्ट्रपति आए दुकान में
मिनरवा बुक डिपो के मालिक राहुल राष्ट्रपति के उनकी दुकान में आने से बहुत खुश थे। उनके आने पर लगा ही नहीं कि राष्ट्रपति आए हैं। दुकान में मौजूद लोगों के साथ सामान्य लोगों की तरह बहुत ही अच्छे से मिले और बिना सुरक्षा करीब 10 से 15 मिनट तक खरीदारी की।
अपने पोते-पोती को शिमला में एक किताबों की दूकान में लेकर गया; गर्मी की छुट्टियों में उनके पढ़ने के लिए किताबें ख़रीदीं। हमारे देश में डिजिटल पेमेंट को अपनाने में हो रही बढ़ोतरी को देख कर खुशी हुई — राष्ट्रपति कोविन्द pic.twitter.com/QjDSCvWAHW— President of India (@rashtrapatibhvn) May 22, 2018
राष्ट्रपति ने परिवार के साथ खाई रिट्रीट के बगीचे की चेरी
राष्ट्रपति आवास रिट्रीट शिमला में गर्मी की छुट्टियां बिता रहे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद व परिवार के सदस्यों ने अपने बगीचे में पैदा हुई चेरी का आनंद लिया। राष्ट्रपति निवास के बगीचे में अब दो माह के भीतर रसीली नाशपाती और सेब भी तैयार होंगे। तब इन्हें राष्ट्रपति भवन दिल्ली भेजा जाएगा।रिट्रीट के चारों ओर फूलों की बहार है। सुबह-शाम सैर करते हुए रामनाथ कोविंद को रिट्रीट के मुख्य द्वार के साथ लगे अजेलिया व हाईड्रेजियां के फूल लुभा रहे हैं। राष्ट्रपति के आगमन से रिट्रीट में रौनक है। यहां के एक अधिकारी का कहना है कि राष्ट्रपति कोविंद को फूल बहुत पसंद हैं। करीब सवा तीन सौ बीघा क्षेत्र में फैले परिसर के एक हिस्से में सब्जियां पैदा होती हैं तो दूसरे कोने में 65 बीघा बगीचे में सेब, नाशपाती और चेरी पैदा होती है। बगीचे और खेतों में काम करने के लिए 12 से अधिक माली हैं जो फूलों की देखरेख भी करते हैं।
राष्ट्रपति निवास जाते हैं फल
रिट्रीट के बगीचे में पैदा होने वाले फल राष्ट्रपति सचिवालय दिल्ली जाते हैं। पिछले साल सेब, नाशपाती व चेरी दिल्ली भेजी गई थी। बगीचा भले ही बड़ा है, मगर सेब के पेड़ पुराने हैं। पेड़ पुराने होने के कारण अधिक पैदावार नहीं देते। नाशपाती के भी पेड़ फलों से लकदक होते हैं, लेकिन रिट्रीट में लंगूरों के साथ-साथ बंदरों का आतंक है। फलों से जैम व जैली भी बनाई जाती है।
गुलाब की 250 किस्में लगाई
रिट्रीट परिसर में गुलाब की 250 नई किस्में लगाई गई हैं। सजावट के लिए लाल व पीले गुलाब दिल्ली से मंगवाए जा रहे हैं। स्थानीय स्तर पर भी फूल खरीदकर यहां की सजावट के लिए इस्तेमाल होते हैं।
पॉलीहाउस में फ्रासबीन लगी
इन दिनों गाजर और बंदगोभी खेतों में लगाई गई हैं। फ्रासबीन पॉलीहाउस में तैयार हो रही है। मार्च में आलू खेतों में लगाए गए थे। तैयार होने वाली सब्जियां भी राष्ट्रपति भवन जाती हैं।