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एमओयू के 30 दिनों के भीतर 10 निवेशकों को धारा 118 की अनुमति

धारा-118 के तहत हिमाचल में 10 निवेशकों को मंजूरी दी गइ है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 28 Nov 2019 09:57 PM (IST)Updated: Fri, 29 Nov 2019 06:19 AM (IST)
एमओयू के 30 दिनों के भीतर 10
निवेशकों को धारा 118 की अनुमति
एमओयू के 30 दिनों के भीतर 10 निवेशकों को धारा 118 की अनुमति

राज्य ब्यूरो, शिमला : हिमाचल में भू-राजस्व अधिनियम की धारा-118 की अनुमति प्राप्त करने के लिए निवेशकों को आमतौर पर सरकारी कार्यालयों के साल-दो साल चक्कर काटने पड़ते थे। पहली बार ऐसा हुआ कि प्रदेश में निवेशकों को 30 दिनों के भीतर जमीन खरीदने से जुड़ी धारा 118 की औपचारिकता की स्वीकृति मिल गई है।

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समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर होने के 30 दिनों के भीतर 10 निवेशकों को धारा 118 के तहत अनुमति दी गई है। अब ये निवेशक जमीन खरीदकर परियोजनाओं का निर्माण शुरू कर सकते हैं। प्रदेश में निवेश को धरातल पर उतारने के लिए सरकार के प्रयास नजर आने लगे हैं। प्रदेश सरकार के सत्ता में दो वर्ष 27 दिसंबर को पूरे होंगे। इस मौके पर सरकार ने 10 हजार करोड़ रुपये के एमओयू को धरातल पर उतारने का लक्ष्य रखा है। इसके तहत राजस्व विभाग ने 10 निवेशकों को प्रदेश में धारा 118 के तहत जमीन खरीदने की अनुमति दी है।

पहले सचिवालय में दो दिन पहले मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की अध्यक्षता में आयोजित हिम प्रगति पोर्टल की समीक्षा बैठक में निवेशकों द्वारा धारा 118 के तहत जमीन खरीदने से जुड़ा मामला उठा था। इसके बाद सभी औपचारिकताएं पूरी की गई। जिन परियोजनाओं को अनुमति प्रदान की गई, उनमें छह परियोजनाएं पर्यटन क्षेत्र से जुड़ी हैं। अधिकांश परियोजनाएं होटल व रिजॉर्ट निर्माण को लेकर थीं। तीन निवेशक राज्य में उद्योग स्थापित करना चाहते हैं। एक प्रस्ताव उद्योग के विस्तारीकरण से जुड़ा है। इसके लिए जमीन की इजाजत दे दी गई है।

मुख्य सचिव डॉ. श्रीकांत बाल्दी ने कहा कि यह पहला मौका है जब प्रदेश में इतनी तेजी से निवेशकों को जमीन खरीदने की इजाजत प्राप्त हुई है। 120 एमओयू करने वाले निवेशक आए थे जिनमें से अधिकांश की समस्याओं का मौके पर समाधान किया गया है। 10 हजार करोड़ के निवेश का लक्ष्य

ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट से जुड़ा ग्राउंड ब्रेकिग कार्यक्रम 27 दिसंबर को होगा। इसमें राज्य सरकार ने 10 हजार करोड़ के निवेश को धरातल पर उतारने का लक्ष्य रखा है। पर्यटन, आवास, आयुर्वेद और उद्योग विभाग को सर्वाधिक लक्ष्य प्राप्त करने को कहा गया है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की ओर से दिए गए लक्ष्य को अधिकारियों द्वारा 12 हजार करोड़ रुपये तक पहुंचाने की कोशिश हो रही है। उत्तर प्रदेश जाएंगे मनोज कुमार

उद्योग विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव मनोज कुमार निवेश को धरातल पर उतारने का लक्ष्य प्राप्त करने के लिए उत्तर प्रदेश के दौरे पर जाएंगे। वह वहां अधिकारियों के साथ चर्चा करेंगे। उत्तर प्रदेश सरकार ने भी निवेशकों को आमंत्रित करने के लिए इस तरह का कार्यक्रम आयोजित किया था। मनोज कुमार दो दिसंबर को उत्तर प्रदेश के दौरे पर जा सकते हैं। इन्हें मिली धारा 118 की अनुमति

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-मै. लेगैसी फूड प्राइवेट लिमिटेड,सोलन,उद्योग

-मै. ल्यूमिनस पावर टेक्नोलॉजी प्राइवेट लिमिटेड,ऊना,उद्योग (एक्सपेंशन)

-मै. माया रिजॉर्ट,सोलन,पर्यटन

-मै. हिलीट्रेल्स हॉस्पिटेलिटी प्राइवेट लिमिटेड,सोलन,पर्यटन

-मै. माइक्रो टर्नर,सिरमौर,पर्यटन

-मै. हिमाचल इस्टेट,शिमला,आवासीय

-मै. क्लार्क हाइट्स डेवलपर्स एंड प्रोमोटर्स प्राइवेट लिमटेड,सोलन,पर्यटन

-मै. ग्लैनव्यू रिजॉर्ट,सोलन,पर्यटन

-मै. जेआरएल रिजॉर्ट प्राइवेट लिमिटेड,सिरमौर,पर्यटन

-मै. नेक्सपर फार्मा प्राइवेट लिमिटेड,सोलन,उद्योग

---------- धारा 118 में क्या है प्रावधान

भू राजस्व अधिनियम की धारा 118 के प्रावधानों के तहत कोई गैर कृषक अथवा गैर हिमाचली प्रदेश में जमीन नहीं खरीद सकता है। भू राजस्व अधिनियम में प्रावधान किया गया है कि उद्योगों को स्थापित करने के लिए सरकार की अनुमति से जमीन दी जा सकती है।


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