ठियोग में पांच साल बाद फिर उठने लगे सीवरेज व कार पार्किंग के मुद्दे
सुनील ग्रोवर ठियोग नगर परिषद ठियोग में पुराना सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट कूड़ा निष्पादन संय
सुनील ग्रोवर, ठियोग
नगर परिषद ठियोग में पुराना सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट, कूड़ा निष्पादन संयंत्र और कार पार्किग की समस्या इस बार नगर परिषद चुनाव में अहम मुद्दा होगा। पांच साल पहले भी इन्हीं मुद्दों पर चुनाव हुआ था और इस साल भी ये मुद्दे ही चुनाव में उठने लगे हैं। इसका एक कारण पांच साल में इन मुद्दों का कोई हल न हो पाना है।
पार्षदों की आपसी खींचतान और राजनीति विकासात्मक कार्यो पर भारी रही है। इसका खामियाजा आम जनता को उठाना पड़ा। इस खींचतान की वजह से 2008 में शुरू हुई सीवरेज योजना वर्तमान में भी अधूरी पड़ी हुई है। 12 साल पहले सीवरेज प्रणाली लागू करने के लिए शाली बाजार, वार्ड नंबर तीन और छह में पाइपें बिछाने का काम शुरू किया गया था। इसके बावूजद योजना को सिरे लगाने में जनता के चुने हुए नुमाइंदे नाकाम रहे।
इस दौरान सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का टैंक भी बनकर तैयार हो गया, लेकिन जनता को सीवरेज की सुविधा नहीं मिल पाई है। परिषद के कार्यकाल के अंतिम दो साल में सीवरेज की योजना, हाई मास्ट लाइट और अन्य रास्तों को पक्का करने का काम हुआ है। जनता कई साल से स्कूली बच्चों और बुजुर्गो के लिए सड़क किनारे फुटपाथ बनाने की मांग कर रही है। फुटपाथ बनाने के लिए परिषद ने स्थानीय प्रशासन और एनएच से कई बार बैठक भी की है, लेकिन फुटपाथ फाइलों से बाहर नहीं निकल सके। यहां पर दो वार्डो में पार्किग बनीं, लेकिन इसका भी सही तरीके से इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है। श्मशानघाट के जीर्णोद्धार व पानी का कनेक्शन देने का मुद्दा भी है बड़ा
नगर परिषद में कई साल से जनता श्मशानघाट बनाने की मांग भी उठाती रही है, लेकिन इस पर किसी जन प्रतिनिधि ने आगे बढ़कर काम नहीं किया है। जबकि नगर में एकमात्र श्मशानघाट वार्ड में दो है। लोग श्मशानघाट के जीर्णोद्धार, शेड बनाने, लकड़ी का स्टोर और पानी का कनेक्शन देने की मांग कर रहे हैं। यह मुद्दा भी चुनाव में अभी से उठने लग गया है। कई स्वयंसेवी संस्थाए इस मुद्दे को इंटरनेट मीडिया पर उठा रही हैं। कूड़ा निष्पादन संयंत्र लगाना चुनौती
नगर परिषद के सामने कई वर्ष से ठियोग में स्थायी रूप से कूड़ा निष्पादन संयंत्र लगाना एक चुनौती बनी हुई है। परिषद सरकार के सामने कोई ठोस योजना लाने में भी नाकाम रही है। कस्बे के कूड़े को ठिकाने लगाने की सही जगह न होने के कारण नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) ने परिषद को रौरू जंगल में कूड़ा फेंकने पर लाखों रुपये का जुर्माना भी लगाया था। हालांकि जुर्माना लगने के बाद कूड़े को शिमला के भरयाल स्थित कूड़ा निष्पादन संयंत्र भेजने की योजना बनाई गई थी। दो वार्डो में पार्किग बनकर तैयार, परिषद को लाखों का नुकसान
पिछले नगर परिषद के कार्यकाल में पार्किग की समस्या पर कोई काम नहीं किया गया है। वार्ड नंबर चार और सात में 50 से अधिक गाड़ियों की पार्किग बनकर तैयार है। नगर परिषद की लेटलतीफी के कारण इसे शुरू नहीं किया जा सका है। इन दोनों पार्किग स्थलों को शुरू करने में हो रही देरी से परिषद को लाखों रुपये आमदनी का नुकसान हो चुका है क्योंकि इन स्थानों में बिना किसी शुल्क के गाड़ियां पार्क की जा रही हैं।
भाजपा के नुमाइंदों ने विधायक विद्या स्टोक्स के कार्यकाल में तेजी पकड़ रहे सीवरेज के काम को भी बंद करने का षड्यंत्र रचा है जोकि अफसोसजनक है। कस्बे के विकास से अधिक तीन अध्यक्षों ने अपनी कुर्सी पर अधिक ध्यान दिया है। कूड़ा निष्पादन संयंत्र, सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट और पार्किग सुविधा शुरू करने में परिषद नाकाम रही है।
- कंवर नरेंद्र सिह, ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष ठियोग। पांच माह पहले ही अध्यक्ष पद का कार्यभार संभाला है। समय की कमी के कारण अपनी योजनाओं को अमलीजामा पहनाने में कुछ हद तक सफल हुई हूं। वार्ड नंबर सात की पार्किग के निर्माण कार्य की विजिलेंस जांच के कारण जनता को समर्पित करने में देरी हो रही है जबकि वार्ड नंबर चार की पार्किग की छत पर पिछले अध्यक्ष के समय अस्थायी रूप से तहबाजारी बैठे हैं। बस अड्डा और रहीघाट में तहबाजारियों के लिए शेड बना दिए गए हैं। भरयाल कूड़ा संयंत्र के लिए लिखित रूप से मंजूरी मिलने के बाद इस समस्या का अस्थायी समाधान हो चुका है। परिषद प्लास्टिक और गीले कूड़े की समस्या से निपटने के लिए काम कर रही है।
- शीला वर्मा, निवर्तमान अध्यक्ष नगर परिषद ठियोग।