दुकानों पर ग्राहकों की भरमार, करवाचौथ पर चमका कारोबा
जागरण संवाददाता शिमला सुहाग की सलामती का पर्व करवाचौथ बुधवार को शिमला में पूरे उल्लास
जागरण संवाददाता, शिमला : सुहाग की सलामती का पर्व करवाचौथ बुधवार को शिमला में पूरे उल्लास और परंपरा के बीच मनाया जाएगा। इसकी तैयारियों में महिलाएं दिनभर जुटी रहीं। साड़ी, सूट, जेवर, करवा, मिठाई सहित साज सज्जा की खरीदारी के लिए करवाचौथ की पूर्व संध्या पर खूब चहल-पहल दिखी। मेंहदी डिजाइनरों के यहां भी महिलाओं की भीड़ लगी रही।
सीटीओ चौक से लेकर शेर-ए-पंजाब तक लोअर बाजार पूरा पैक रहा। मालरोड में भी कपड़ों और जूतों की खरीददारी के लिए दिनभर लोगों की आवाजाही रही। करवाचौथ के दिन के लिए महिलाओं में श्रृंगार का काफी उत्साह होता है। इसलिए एक दिन पहले दुकानों से बिदी, कंगन, चूड़ियां, सिदूर, काजल, मेहंदी, गजरा, जेवर की खरीदारी दिनभर चली।
कारोबारियों का कहना है कि बाजार में करवाचौथ पर कारोबार अच्छा रहा है। इसके अलावा डिजाइन वाली पूजा थालियां खरीदने में भी महिलाएं जुटी रहीं। खरीदारी के लिए लगातार दूसरे दिन महिलाओं को एटीएम के लिए खासी कसरत करनी पड़ी। मालरोड पर कई स्थानों पर कैश खत्म होने की वजह से एटीएम के बाहर लंबी लाइनें देखने को मिलीं।
मेहंदी वालों के पास लग रही भीड़
शिमला में जगह-जगह मेहंदी लगाने वालों के स्टाल लग गए हैं। हाथ में डिजाइन के अनुसार मेहंदी लगाने की फीस ली जा रही है। ब्राइडल टाइप मेहंदी के दाम 500 से 700 के बीच रहे और साधारण मेहदी 250 रुपये प्रति हाथ लिए जा रहे हैं। मेहंदी कारोबारियों का कहना है कि इस बार शहर में स्कूल व कालेज बंद होने के कारण काम मंदा है लेकिन पिछले दो दिनों से काम में तेजी आई है।
मिठाई की दुकानों में लगी लाइनें
मिठाई की दुकानों पर लोगों ने मट्ठियां व फेनियां खरीदी। बाजार में देसी घी की मट्ठी 240 से लेकर 400 रुपये तक तथा फेनियां 300 से लेकर 550 रुपये प्रति किलो बिकी। डालडा घी की मट्ठी 120 रुपये से लेकर 150 रुपये और फेनिया 200 रुपये प्रति किलोग्राम बिकी। बाजार में मिठाई के स्टाल पर दिनभर भीड़ लगी रही। घर पर खुद बनाई मट्ठियां
करवाचौथ में सास बहू को शगुन के तौर पर फेनियां व मट्ठी बांटती है। इसलिए कई गृहणियों ने यह चीजें घर पर ही तैयार की। शिमला की गृहणी पूजा शर्मा और भावना ठाकुर का कहना है कि कोरोना के खतरे के बीच इस बार मठ्ठी और फेनियां बाहर से मंगवाने के बजाय घर पर बनाई जा रही हैं। हालांकि करवाचौथ का कुछ सामान बाजार से खरीदना पड़ा लेकिन खाने पीने की चीजें घर पर बनाना बेहतरीन समझ रहे हैं। उन्होंने बताया कि घर का खाना हाइजिनिक रहता है और बाजार से लाए गए सामान में संक्रमण का डर रहता है।