World Food Day 2019: छोटी उम्र में क्यों हो रहे हैं घातक रोग, एक नहीं अनेक हैं कारण
World Food Day 2019 गलत खान-पान की आदतों की वजह से युवा वर्ग गंभीर रोगों की चपेट में आ रहा है ये बीमारियां संतुलित आहार की कमी के कारण हो रही है।
शिमला, ताराचंद शर्मा। World Food Day 2019 खान-पान का सलीका भूलना सेहत पर भारी पड़ रहा है। मैगी से दिन की शुरुआत करने वाली युवा पीढ़ी रात तक बर्गर के सहारे हो गई है। इसी कारण छोटी उम्र में ही शुगर व रक्तचाप जैसी बीमारियां जकड़ रही हैं और दवाओं का सहारा लेना पड़ रहा है। खराब आहार स्वास्थ्य के लिए धूमपान से भी ज्यादा घातक साबित हो रहा है। एक आंकड़े के मुताबिक, विश्व में 20 प्रतिशत मौतें खराब आहार के कारण होती हैं।
ऐसा देखा गया है कि तनावपूर्ण वातावरण लोगों को चटपटे, मसालेदार खाने के लिए प्रेरित करते हैं। इस आदत ने पौष्टिक भोजन की परिभाषा को बिगाड़ दिया है। विटामिन, आर्यन, खून की कमी, तनाव, रक्तचाप, कुपोषण सहित कई अन्य बीमारियां संतुलित आहार न लेने के कारण हो रही हैं। रिपन अस्पताल शिमला के मेडिसिन विशेषज्ञ डॉ. विशाल के मुताबिक एक व्यक्ति को दिन में 1800 से 2600 कैलोरी की आवश्यकता रहती है। ये संतुलित आहार ही दे सकता है। लेकिन आजकल बच्चों की सुबह मैगी के साथ हो रही और रात बर्गर जैसे जंक फूड पर निर्भर है। ये इनके शरीर को कैलोरी प्रदान नहीं कर पा रही है। इसका खामियाजा विटामिन की कमी और कुपोषण के रूप में भुगतना पड़ रहा है।
डॉ. विशाल ने बताया कि हमारा रहन-सहन और खान-पान बीमारियों का मुख्य कारण है। इसे बदलने की जरूरत है। भोजन में साग सब्जियों और मौसमी फलों का इस्तेमाल जरूर करें। बच्चों को जितना हो सके जंक फूड से दूर रखे।
पारंपरिक खाद्य पदार्थों से दूरी है बीमारियों की वजह त्योहार पहले भी होते थे और अब भी होते हैं, लेकिन अब त्योहारों ने जो रूप ले लिया है वह सेहत के लिए काफी गंभीर परिणाम देने वाला है। पहले मीठे पकवान बनते थे। मूड़ी गुड़, शक्कर मिठाइयों में इस्तेमाल होता था। लोगों को पारंपरिक खाद्य पदार्थ मिलने के कारण बीमारियां नजदीक नहीं आती थी। अब कृत्रिम पदार्थों ने बीमारियों का घर शरीर को बनाना शुरू कर दिया है। इसे बदला नहीं गया तो यह घातक सिद्ध होगा।
प्लास्टिक के बर्तन भी सेहत के लिए घातक
कैंसर जैसे रोगों को दे रहे आमंत्रण खाने-पीने में बर्तन भी एक अहम हिस्सा है। बर्तनों ने भी अब अपना स्वरूप बदल लिया है। प्लास्टिक, एल्यूमिनियम के बर्तन खाने की पौष्टिकता को खत्म करने के साथ-साथ कैंसर जैसे रोगों को आमंत्रण दे रहे हैं। पहले लोहे के बर्तन होते थे जिससे आर्यन पर्याप्त मात्रा में मिलता था और लोग बीमारियों से मुक्त रहते थे।
छोटे बच्चों में कुपोषण का भी है यही बड़ा कारण
कुपोषण के मामले आज के समय में बढ़ रहे हैं। इसका बड़ा कारण भी संतुलित आहार का न होना है। बच्चों पारंपरिक खाद्य पदार्थों को छोड़कर जंक फूड अधिक खा रहे हैं इससे पर्याप्त मात्रा में उनके शरीर को कैल्शियम, प्रोटीन, विटामिन नहीं मिल पा रहे हैं और कुपोषण के शिकार हो रहे हैं।
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