आइजीएमसी शिमला में मेल मेडिसिन वार्ड में भर्ती मरीज निकला कोरोना पॉजिटिव
आइजीएमसी शिमला में मेल मेडिसिन वार्ड में भर्ती मरीज कोरोना पॉजिटिव पाया गया।
शिमला,जेएनएन। आइजीएमसी शिमला में मेल मेडिसिन वार्ड में भर्ती मरीज कोरोना पॉजिटिव पाया गया। वार्ड में पॉजिटिव मामला आने के बाद इसे सील कर दिया गया है। अंदर करीब 40 मरीजों, तीमारदारों को आइसोलेट किया गया है। देर रात मरीज की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद प्रशासन की ओर से पूरे वार्ड को सैनिटाइज करवाया गया। बताया जा रहा है कि पॉजिटिव पाया गया मरीज सिरमौर जिले का रहने वाला है और इलाज के कारण दो दिन पहले आइजीएमसी में भर्ती करवाया गया था। मरीज के अन्य टेस्ट के साथ एहतिहात के तौर पर कोरोना का टेस्ट करवाया गया जोकि पॉजिटिव पाया गया। इसलिए वार्ड के भीतर मौजूद लोगों को वार्ड में ही आइसोलेट किया गया है।
मौजूदा समय में वार्ड के भीतर दाखिल मरीजों का ईलाज जारी है। आइजीएमसी प्रधानाचार्य डॉ. रजनीश पठानिया ने बताया कि मेडिसिन वार्ड में पॉजिटिव पाए गए मरीज के संपर्क में आए लोगों के टेस्ट करवाए जा रहे हैं। वार्ड को एहतिहात के तौर पर बंद किया गया है। कोरोना संक्रमण के प्रति एहतिहात बरतते हुए आइजीएमसी के मेन गेट पर मरीजों और तीमारदारों की एंट्री करवाने के लिए ऑटोमेटिक थर्मल स्कैनर लगाया गया है और मरीजों को संक्रमण के प्रति जागरूक करवाया जा रहा है।
आइजीएमसी पहुंच रहे मरीजों में डर
कोरोना पॉजिटिव मामले का पता चलने के बाद डी ब्लॉक के विभिन्न वार्डों में मरीजों और तीमारदारों सहित स्वास्थ्य कर्मियों में डर का माहौल है। मरीज के संपर्क में आए डॉक्टर, नर्सें, पैरामेडिकल स्टाफ और तीमारदार किस-किस के संपर्क में आए होंगे, इसे लेकर आइजीएमसी में दिनभर चर्चा चलती रही। वहीं मेल मेडिसिन वार्ड के सामने फीमेल मेडिसिन वार्ड में केवल डॉक्टरों की आवाजाही रही, तीमारदारों को वार्ड के बाहर रहने की हिदायद दी गई। इसके अलावा अन्य तीमारदारों की आवाजाही भी डी ब्लॉक के आसपास कम रही।
भीड़ बढ़ा सकती है संक्रमण का खतरा
आइजीएमएसी में ईलाज करवाने के लिए पहुंचने वाले मरीजों ओर तीमारदरों की बढ़ती भीड़ कोरोना संक्रमण का बड़ा कारण बन सकती है। अस्पताल में एंट्री गेट से लेकर पर्ची काउंटर, कैश काउंटर, ओपीडी, वार्डों सहित टेस्ट करवाने के लिए लगातार कतारें लगी रहती हैं। बेहतरीन ईलाज की आशा में प्रदेश के हर हिस्से से मरीज यहां पहुंचते हैं लेकिन टूटते शारीरिक दूरी के नियम के कारण संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। एक स्थान पर पाया गया पॉजिटिव मरीज अन्य लोगों को भी संक्रमित कर सकता है।