सर्वोच्च न्यायालय के निर्णय के बाद नियमित होंगे पीटीए शिक्षक
सर्वोच्च न्यायालय में लंबित पीटीए पैट से संबंधित तीन मामलों में निर्णय आने के बाद ही इन्हें नियमित किया जा सकेगा।
राज्य ब्यूरो, शिमला : सर्वोच्च न्यायालय में लंबित पीटीए शिक्षकों से संबंधित तीन मामलों में निर्णय आने के बाद ही इन्हें नियमित किया जा सकेगा। जहां तक प्राथमिक सहायक अध्यापकों (पैट) का सवाल है, इनके लिए 1986 में नीति बनी थी। अभी इन्हें नियमित करने का कोई प्रावधान नहीं हैं। प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में 3417 अध्यापक पैट के तौर पर जेबीटी के पद पर सेवाएं दे रहे हैं। यह जानकारी शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने माकपा विधायक राकेश ¨सघा, कांग्रेस विधायक आशा कुमारी और विक्रमादित्य ¨सह द्वारा पूछे गए प्रश्न के जवाब में दी।
उन्होंने कहा कि पीटीए शिक्षकों को सरकार नियमित करना चाहती है। लेकिन सर्वोच्च न्यायालय में लंबित तीन मामलें में निर्णय आने तक ऐसा नहीं किया जा सकता है। प्रदेश में पीटीए शिक्षकों की नियुक्ति वर्ष 2006 में हुई थी। उस समय निर्धारित नीति में नियमित करने का प्रावधान नहीं था। बिना सोचे समझे पूर्व में ऐसी नियुक्तियां की गई। अभी तक प्रदेश के पांच हजार पीटीए शिक्षक अनुबंध आधार पर आए हैं जबकि 1300 के करीब अभी लेफ्टआउट हैं जो ग्रांट इन एड पर हैं। प्रदेश सरकार ने वित्त वर्ष 2019-20 के लिए इन सभी को नियमित शिक्षकों के समान वेतन देने की घोषणा की है। प्रदेश के स्कूलों में पीटीए के तहत 440 पीजीटी, 23 सहायक प्रोफेसर, 145 डीपीई, 139 टीजीटी व 592 सीएंडवी अध्यापक लेफ्टआउट हैं। अनुबंध पर जिन्हें लिया गया है उनमें पीजीटी 1521, सहायक प्रोफेसर 1521, डीपीई 190, टीजीटी 919 और सीएंडवी अध्यापक 2283 हैं। 123 स्कूलों में नहीं प्रधानाचार्य
प्रदेश के विभिन्न स्कूलों में प्रधानाचार्यो के 123 पद रिक्त हैं। इन पदों को पदोन्नति के द्वारा जल्द भरा जाएगा। शिमला जिला में 40, सिरमौर 29, बिलासपुर 19, मंडी 10, लाहुल स्पीति आठ, कुल्लू नौ व किन्नौर जिला में प्रधानचार्य के सात पद खाली हैं।