Coronavirus: संदिग्ध मरीज के आइजीएमसी में दाखिल होने से कम हो गई ओपीडी, जानिए विशेषज्ञ की राय
Coronavirus राजधानी शिमला के आइजीएमसी में कोरोना वायरस संदिग्ध के आने के बाद बुधवार को तनाव का माहौल बना रहा।
शिमला, जेएनएन। राजधानी शिमला के आइजीएमसी में कोरोना वायरस संदिग्ध के आने के बाद बुधवार को तनाव का माहौल बना रहा। विभिन्न समाचार पत्रों और सोशल मीडिया के माध्यम से कोरोना वायरस के संदिग्ध के आने की खबर मिलने के बाद आइजीएमसी में इसका असर देखने को मिला। बुधवार को अस्पताल में ओपीडी के बाहर गिने चुने लोग नजर आए। रोजाना अस्पताल में करीब 3000 ओपीडी रहती है, वहीं बुधवार को यह ओपीडी घटकर 2020 रही।
आमतौर पर अस्पताल की मेडिसिन, सर्जरी, ईएनटी और ऑर्थो ओपीडी के बाहर तिल धरने की जगह नहीं रहती। वहीं अब अस्पताल आए मरीज आराम से अपना चेकअप करवाते नजर आए। विभिन्न ओपीडी में कम चहल पहल देखने को मिली। दूसरी ओर अस्पताल में कोरोना को लेकर लोगों में डर बस गया है। मरीज और तीमारदारों ने जागरूकता दिखाते हुए मास्क पहने रखे। इसके अलावा ई ब्लॉक के बाहर भी लोगों की आवाजाही नहीं देखी गई। हालांकि ब्लॉक के ऊपर वाले गेट को सावधानी की दृष्टि से बंद रखा गया। केवल प्रशिक्षित स्टाफ को ही आइसोलेशन वार्ड में अंदर जाने दिया जा रहा है। इसके अलावा स्टाफ को हर छह घंटे के बाद नए मास्क व अन्य जरूरी सामान दिया जा रहा है, ताकि उन्हें इंफेक्शन न फैले।
मरीज की हालत स्थिर
अस्पताल एमएस डॉ. जनकराज ने बताया कि अब बिलासपुर के आए व्यक्ति की हालत स्थिर है। उसके गले में हल्की खराश है। इसके लिए उसे दवाई दे दी गई थी। उन्होंने लोगों से अपील की है कि कोरोना को लेकर किसी प्रकार की भ्रांतियां न फैलाएं। वायरस के प्रति जागरूक और सतर्क रहें।
रात को किए गए टेस्ट
बिलासपुर से आए मरीज के मंगलवार रात को स्वाइन फ्लू और कोराेना वायरस का टेस्ट करवाया गया। कोरोना के टेस्ट का सैंपल एम्स दिल्ली भेजा गया है। साथ ही मरीज का स्वाइन फ्लू का टेस्ट करवाया गया, ताकि किसी प्रकार के संक्रमण की आशंका न हो। कोरोना के टेस्ट की रिपोर्ट 72 घंटे के भीतर आएगी।
मरीज बाॅयोटेक्नोलॉजी की कर रहा पढ़ाई
मरीज बिलासपुर के घुमारवीं का रहने वाला है। वह दक्षिण कोरिया से बॉयोटेक्नोलॉजी विषय में पढ़ाई कर रहा है। वह छुट्टिायां होने पर घर लौटा था। कोरोना वायरस के प्रति जागरूकता दर्शाते हुए मरीज ने गले की खराश की जानकारी स्वास्थय विभाग को दी। साथ ही उसने कोरोना वायरस का टेस्ट करवाने की इच्छा जाहिर की। मरीज 29 फरवरी को घर लौटा था। आते वक्त एयरपोर्ट पर उसका चेकअप हुआ था।