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समय से एंबुलेंस न मिलने पर बेटे की गोद में तोड़ा दम

शिमला के उपनगर टुटू में समय पर 108 एंबुलेंस न मिलने से एक व्यक्ति ने बेटे की गोद में दम तोड़ दिया। अगर समय पर एंबुलेंस पहुंच जाती तो शायद जान बच सकती थी।

By Edited By: Published: Mon, 27 Aug 2018 09:44 PM (IST)Updated: Tue, 28 Aug 2018 08:24 AM (IST)
समय से एंबुलेंस न मिलने पर बेटे की गोद में तोड़ा दम
समय से एंबुलेंस न मिलने पर बेटे की गोद में तोड़ा दम

शिमला, जागरण संवाददाता। शिमला के उपनगर टुटू में समय पर 108 एंबुलेंस न मिलने से एक व्यक्ति ने बेटे की गोद में दम तोड़ दिया। अगर समय पर एंबुलेंस पहुंच जाती तो शायद टुटू निवासी हेमराज गुप्ता की जान बच सकती थी। हेमराज दमा व हृदय रोग से पीड़ित थे।

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सोमवार सुबह उनकी तबीयत खराब होने पर परिजनों ने एंबुलेंस के लिए 108 नंबर पर फोन किया। 108 एंबुलेंस कंट्रोल रूम से जवाब मिला कि एंबुलेंस खराब है और एक घंटे बाद आएगी। इस पर परिजनों ने हेमराज को बिना ऑक्सीजन सिलेंडर वाली निजी गाड़ी में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (पीएचसी) टुटू पहुंचाया। वहां उनकी गंभीर अवस्था को देखते हुए डॉक्टरों ने उन्हें आइजीएमसी शिमला रेफर कर दिया। परिजन मरीज को निजी गाड़ी में आइजीएमसी लेकर गए लेकिन वहां पहुंचने से पहले ही उनकी मौत हो गई।

एंबुलेंस मिलती तो बच सकती थी जान हेमराज गुप्ता के बेटे राजीव ने कहा कि फोन पर कर्मचारी एंबुलेंस खराब होने की बात कहते रहे। यदि 108 एंबुलेंस समय पर मिल जाती तो ऑक्सीजन के सहारे पिता आइजीएमसी पहुंच जाते और उनकी जान बच सकती थी। जांच के बाद पता चलेंगी कमियां टुटू से एंबुलेंस के लिए कॉल आई थी। एंबुलेंस उपलब्ध नहीं थी। इस कारण मरीज को एंबुलेंस उपलब्ध नहीं करवाई गई।

क्या कंट्रोल रूम से दूसरी गाड़ी का सुझाव मरीज के परिजनों को दिया गया था, इसकी जांच की जा रही है। क्या कमियां रहीं, यह जांच के बाद ही पता चलेगा। आकाश दीप, कार्यक्रम अधिकारी, 108 एंबुलेंस जिला शिमला


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