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कुर्सी के लिए तेज हुई लॉबिंग

नगर निकाय चुनावों के दौरान 15 दिनों तक वोट हासिल करने के लिए द

By JagranEdited By: Published: Mon, 11 Jan 2021 06:48 PM (IST)Updated: Mon, 11 Jan 2021 06:48 PM (IST)
कुर्सी के लिए तेज हुई लॉबिंग
कुर्सी के लिए तेज हुई लॉबिंग

जागरण संवाददाता, शिमला : नगर निकाय चुनावों के दौरान 15 दिनों तक वोट हासिल करने के लिए दूसरे गुट के प्रत्याशियों से जंग चलती रही। इस दौरान बड़े नेताओं से अंदरूनी रूप से सभी को समर्थन मिला, लेकिन अब क्षेत्र के बड़े नेता या पार्टी की हाईकमान का नजदीकी कौन है, इसे जताने के लिए जीते हुए प्रत्याशी कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। इसके लिए अपने ही दल के जीते हुए प्रत्याशियों के साथ जंग चल रही है।

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नगर परिषद रोहडू में कांग्रेस के प्रत्याशियों ने स्थानीय विधायक मोहन लाल ब्राक्टा से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने प्रत्याशियों के मन को खंगाला। अब पार्टी के नेताओं के समक्ष सभी का पक्ष रखा जाना है। हालांकि सभी प्रत्याशी मंगलवार को शिमला के कांग्रेस भवन में पहुंचेंगे। इसके बावजूद वहां पर कुर्सी की जंग तेज हो गई है।

वहीं रामपुर में भी दिनभर कांग्रेस के जीते हुए प्रत्याशी कैसे कुर्सी तक पहुंचा जा सकता है, लगातार इस जुगत में लगे रहे। यहां पर अध्यक्ष का पद महिला के लिए आरक्षित है। इसलिए जीती हुई महिलाओं को कुर्सी तक पहुंचने के लिए लाबिग चल रही है। वहीं जुब्बल व कोटखाई में स्थानीय विधायक व सरकार के मुख्य सचेतक नरेंद्र बरागटा से लगातार ही कुर्सी के लिए पार्षद मिल रहे हैं। यहां पर दिन में स्थानीय भाजपा नेताओं ने बैठक की। इसके साथ ही विधायक से भी इस मसले पर चर्चा की है।

ऐसी ही स्थिति ठियोग में भी है। ठियोग में तो कांग्रेस के समर्थित प्रत्याशियों ने अध्यक्ष व उपाध्यक्ष पद के लिए दावा भी पेश कर दिया है। उनका तर्क हैं कि ये पक्ष पार्टी के आला नेताओं के समक्ष रखा जाएगा। इसी तरह से नारकंडा में भी अध्यक्ष व उपाध्यक्ष के पद के लिए जंग तेज हो गई है। चौपाल में कांग्रेस ने अध्यक्ष बनाने के लिए कसरत तेज कर दी है। वहीं भाजपा ने नारकंडा व सुन्नी में अध्यक्ष व उपाध्यक्ष बनाने के लिए तैयारी तेज कर दी है। अब दूसरे के पार्षदों के धड़े में सेंध लगाकर बड़ी कुर्सी तक पहुंचने की तैयारी की है। ऐस में किसे कितनी सफलता मिलती है यह तो समय ही तय करेगा, लेकिन फिलहाल शहरी निकायों में बड़ी कुर्सी के लिए जंग दोनों ही राजनीतिक दलों में तेज हो गई है।

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अब कुनबा को बचाने के लिए डिनर डिप्लोमेसी

शहरी निकाय के चुनावों में जीते पार्षदों को अपने ही पक्ष में बचाए रखने के लिए डिनर डिप्लोमेसी शुरू हो गई है। दोनों ही बड़े राजनीतिक दल अपने समर्थित पार्षदों को एकजुट रखने के लिए हरसंभव प्रयास कर रहे हैं। इसके लिए कमेटियों तक का गठन कर दिया है।


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