रात की चिंता छोड़ें, विधायक जी हैं न
चौपाल से आने वाले लोगों को शिमला में ठहरने के लिए कोई दिक्कत नहीं होती है। इसके लिए चौपाल सदन बनाया गया है।
प्रकाश भारद्वाज, शिमला
इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आइजीएमसी) शिमला में आए दिन प्रदेशभर से कई गरीब लोग इलाज के लिए आते हैं। पर्याप्त धन के अभाव में ये अस्पताल के फर्श पर रात गुजारते हैं। लेकिन शिमला जिला के चौपाल क्षेत्र के जरूरतमंद लोगों को ऐसी मुश्किल घेरती है तो उसका समाधान तत्काल हो जाता है।
अस्पताल में आने पर गरीबों के लिए एक दिन में शिमला से चौपाल लौटना संभव नहीं होता है। ऐसे लोगों के लिए चौपाल सदन में रहने की सुविधा है। चौपाल के विधायक बलवीर वर्मा ने अपने विधानसभा क्षेत्र के लोगों के लिए शिमला में इस सदन का निर्माण करवाया है। एक औसत होटल की तरह इस सदन में गरीबों को सुविधाएं मिलती हैं। रहने व खाने की नि:शुल्क व्यवस्था बलवीर वर्मा ही करते हैं। यदि किसी के पास दवा खरीदने के लिए पैसे नहीं होते हैं तो वह वर्मा को फोन कर सकता है।
हिमाचल की सियासत में कई नामचीन लोग आए मगर बलवीर वर्मा को छोड़कर किसी ने अपने विधानसभा क्षेत्र के लोगों के लिए इस तरह रहने, खाने व इलाज का खर्च नहीं उठाया। बतौर निर्दलीय राजनीति में पदार्पण करने वाले बलवीर वर्मा तेरहवीं विधानसभा में भाजपा की ओर से विधायक हैं। 2012 में खुला चौपाल सदन
बलवीर वर्मा ने पहली बार विधानसभा में चुनकर आते ही चौपाल क्षेत्र से आने वाले जरूरतमंदों के लिए रहने की जगह का इंतजाम किया। उन्होंने मार्च 2012 में 14 कमरों का चौपाल सदन बनाया। सदन में लोगों को सुविधाएं उपलब्ध करवाने पर हर महीने 1.20 लाख रुपये खर्च होते हैं जिसे बलवीर वर्मा उठाते हैं। हर दिन ठहरते हैं 20 से 30 लोग
चौपाल सदन में आठ वाहन खड़े करने की सुविधा है। हर कमरे में आरामदायक बिस्तर, हीटर व अन्य सुविधाएं हैं। खाना बनाने और सफाई का जिम्मा तीन लोगों पर है। चौपाल सदन में हर दिन 20 से 30 लोग ठहरते हैं।
रमेश, केयरटेकर, चौपाल सदन मेट्रोपोल में ठहर सकते हैं विधायक के रिश्तेदार
किसी काम से शिमला आने वाले लोगों को यदि यहां रात बितानी पड़े तो ठहरने की जगह तलाशने के लिए काफी दिक्कत होती है। मेट्रोपोल में एमएलए हॉस्टल में विधायक के रिश्तेदार ठहर सकते हैं। इसके अलावा वहां खास पहचान रखने वालों को जगह मिलती है। आम लोगों को कोई विधायक अपने सरकारी आवास पर रात काटने की जगह नहीं देते हैं। एक विधायक को 2.10 लाख रुपये मासिक वेतन मिलता है। जनसेवा है राजनीति
मैंने यह ठान लिया था कि लोगों को रहने की सुविधा जरूर दिलाऊंगा। लोग जब चाहे आएं, अपना काम होने तक चौपाल सदन में रहें। राजनीति को जनसेवा समझकर काम करता हूं। कई बार लोगों के पास घर लौटने के लिए किराया और दवा खरीदने के लिए पैसे नहीं होते हैं। जहां तक संभव हो, वित्तीय मदद करने का प्रयास करता हूं।
बलवीर वर्मा, विधायक, चौपाल