सड़क पर लावारिस थे, सदन में बेसहारा
रामपुर नगर परिषद की ओर से लावारिस पशुओं के लिए गोसदन का ि
अतुल कश्यप, रामपुर बुशहर
रामपुर नगर परिषद की ओर से लावारिस पशुओं के लिए गोसदन का निर्माण तो करवा लिया गया है, लेकिन वहा पर उनकी देखभाल के लिए किसी की तैनाती नहीं की है। इस कारण वहा रखे पशुओं को ताजा चारा नहीं मिल पा रहा है। हालांकि कुछ गोसेवक अपनी सुविधानुसार वहा जाकर पशुओं की सेवा कर रहे है।
गोसदन निर्माण के बाद भी लावारिस पशुओं को घूमते हुए देखा जा सकता है। प्रदेश में भाजपा की सरकार बनते ही गोशालाएं बनाने के वादे किए थे, मगर इस पर जमीनी स्तर पर सही तरीके से काम नहीं हो पाया है। नगर परिषद रामपुर ने भी गोशाला का निर्माण तो करवा दिया, लेकिन वहा पर सुविधाएं अभी तक नहीं दे पाई है और न ही शहर व आसपास के लावारिस पशुओं को गोशाला तक पहुचा पाई है। गोशाला में चारा व पानी की सुविधा भी नहीं की गई है। गोसेवक इन सब का इतजाम अपने स्तर पर कर रहे है। उनका कहना है कि गोशाला में कई जख्मी और बीमार पशु भी है, जिनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है। प्रदेश सरकार ने लावारिस पशुओं के संरक्षण के लिए विशेष बजट का प्रावधान किया और हर ब्लॉक में खुले शराब के ठेकों पर बिकने वाली प्रति बोतल की बिक्री पर एक रुपया गोरक्षा को देने के आदेश है और मंदिर ट्रस्ट से भी तय राशि इस पर खर्च करने के लिए बात कही गई, लेकिन इस पर सही तरीके से काम नहीं हो रहा है।
गोसेवकों ने कहा कि यदि सरकार कोई नियम बनाती है तो उसे जमीनी स्तर पर भी लागू किया जाना चाहिए। साथ ही कहा कि जब तक नगर परिषद गोशाला में किसी की नियुक्ति नहीं करता तब तक इसे चलाना नामुमकिन है। इसे लेकर गोसेवक उपमंडलाधिकारी रामपुर से भी मिले थे। उपमंडलाधिकारी रामपुर नरेद्र चौहान ने कहा कि गोशाला में सुविधाएं देने के लिए उनसे कुछ लोग मिले थे। उन्होंने कहा था कि नगर परिषद को गोशाला सुचारू रूप से चलाने के लिए निर्देश दिए जाएंगे।