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बड़े काम आएंगे छोटे पेड़

हिमाचल में पेड़ बागवानों की आय को चार गुणा तक बढ़ाने के लिए योजना तैयार की गई है जिसमें छोटे पेड़ों की संख्या को बढ़ाकर उत्पादन कई गुणा ज्यादा किया जाएगा।

By Edited By: Published: Tue, 15 Jan 2019 08:41 PM (IST)Updated: Wed, 16 Jan 2019 03:01 AM (IST)
बड़े काम आएंगे छोटे पेड़
बड़े काम आएंगे छोटे पेड़

शिमला, राज्य ब्यूरो। प्रदेश में अब छोटे और गिनती में ज्यादा पेड़ बागवानों की आय को चार गुणा तक बढ़ाएंगे। इसके लिए योजना तैयार की गई है। अगले साल से इसे लागू किया जा रहा है। इसमें पेड़ छोटे होंगे और उनकी संख्या बढ़ाकर उत्पादन को कई गुणा ज्यादा किया जाएगा। वर्तमान में प्रति हेक्टेयर आठ मीट्रिक टन सेब और अन्य फलों का उत्पादन होता है। इसे बढ़ाकर 40 मीट्रिक टन करने का लक्ष्य रखा है।

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वर्तमान में एक हेक्टेयर में 250 से 300 पौधे लग सकते हैं, जबकि क्लोनल रूट स्टाक के तहत इतने क्षेत्रफल में पौधों की संख्या बढ़ाकर 2600 की जाएगी। यह प्रक्रिया केवल सेब की बागवानी के लिए ही नहीं बल्कि आम, लीची, अमरूद आदि पौधों के लिए भी अपनाई जाएगी। बागवानी विभाग ने पूरे प्रदेश को इस योजना के तहत लाने के लिए खाका तैयार किया है। इसमें पौधे तीन वर्ष के होने पर ही फल देना शुरू कर देंगे, जबकि अभी पांच साल का इंतजार करना पड़ता है।

सेब के लिए विशेष रूप से एम-9 और एम-11 जैसी किस्मों का चयन किया गया है। वहीं सिट्रिक फलों में देश के विभिन्न राज्यों से किस्मों को लाकर तैयार किया जा रहा है। कलस्टर फार्म के बाद बागवानों तक पहुंचेगी तकनीक इस योजना के लिए कलस्टर फार्म का चयन किया गया है। उसके आधार पर नई किस्म के पौधों की आपूर्ति करने के साथ बागवानों को प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रारंभिक तौर पर मांग के हिसाब से पौधों की कम तादाद है लेकिन उसे मल्टीप्लाई कर पौधों को तैयार किया जाएगा। 1.10 लाख क्लोनल रूट पौधों की बिक्री होगी सरकारी नर्सरियों से इस बार क्लोनल रूट स्टॉक के 1.10 लाख पौधों की बिक्री की जाएगी। इसके लिए 200 रुपये प्रति पौधे के हिसाब से दाम निर्धारित किया गया है। इन पौधों की बिक्री शुरू कर दी है।  

प्रदेश में बड़े पौधों के स्थान पर छोटे लगाकर फल उत्पादन बढ़ाया जाएगा। अभी एक हेक्टेयर में 250 से 300 पौधे लगे होते हैं, उनकी जगह करीब 2600 पौधे लग सकेंगे। यह प्रक्रिया सेब के साथ सिट्रिक पौधों के लिए भी तैयार की गई है।

एमएल धीमान, निदेशक, बागवानी विभाग


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