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सियासत के पालने में झूलते 69 राष्ट्रीय राजमार्ग

अढ़ाई साल में हिमाचल के सैद्धांतिक तौर पर घोषित राष्ट्रीय राजमार्ग अढ़ाई कोस ही चले हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 21 Feb 2019 03:39 PM (IST)Updated: Thu, 21 Feb 2019 03:39 PM (IST)
सियासत के पालने में झूलते 69 राष्ट्रीय राजमार्ग
सियासत के पालने में झूलते 69 राष्ट्रीय राजमार्ग

राज्य ब्यूरो, शिमला

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अढ़ाई साल से हिमाचल के लिए सैद्धांतिक तौर पर घोषित राष्ट्रीय राजमार्ग अढ़ाई कोस ही चले हैं। ये अभी तक सियासत के पालने में ही झूल रहे हैं। कुल 69 में से 54 राजमार्ग की ड्राफ्ट एलाइनमेंट रिपोर्ट केंद्र सरकार के पास धूल फांक रही है। केंद्र ने इन सड़कों की डीपीआर बनाने के लिए 173 करोड़ रुपये तो स्वीकृत कर रखे हैं, पर अंतिम स्वीकृति न मिलने से सड़कें कागजों में ही दौड़ रही हैं। अगर इस माह सड़क परिवहन मंत्रालय कोई बड़ा फैसला नहीं करता है तो फिर इनका भविष्य केंद्र की नई सरकार ही तय करेगी। केंद्र सरकार अब लगभग चुनावी मोड़ पर आ गई है। जैसे ही आम चुनाव का औपचारिक बिगुल बजेगा, इन सड़कों का भाग्य भी नई सरकार बनने तक बंद हो जाएगा।

सूत्रों के अनुसार राज्य सरकार इस संबंध में केंद्रीय मंत्री और मंत्रालय के अफसरों समेत प्रधानमंत्री कार्यालय से लगातार संपर्क में है। सरकार की कोशिश है कि किसी तरह से अंतिम स्वीकृति मिल जाए। इसमें सफलता न मिलने पर कांग्रेस इसे चुनाव में बड़ा मुद्दा बना सकती है। कांग्रेस विधायक दल ने बजट सत्र में इसे लेकर अपने इरादे जाहिर कर दिए थे। विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री तो इन सड़कों को पॉलिटिकल नेशनल हाईवे करार दे चुके हैं। हालांकि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने उनके आरोपों को नकार कर इनके निर्माण कार्य में देरी के लिए पूर्व कांग्रेस को जिम्मेवार ठहराया है।

कब हुई थी घोषणा

इन मार्गों को विधानसभा चुनाव से पूर्व राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किया था। तब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी। उस दौरान सरकार ने डीपीआर बनाने के लिए खास प्रयास नहीं किए। वर्ष 2017 में दिसंबर में सत्ता परिवर्तन हो गया था। इससे पहले इन मार्गों को सैद्धांतिक मंजूरी मिली थी। अंतिम मंजूरी न मिल पाने के कारण इनकी डीपीआर तैयार नहीं हो पाएगी। यह कार्य एलाइनमेंट रिपोर्ट स्वीकृत होने के बाद होगा। एलाइनमेंट रिपोर्ट का मतलब यही होता है कि प्रस्तावित एनएच का रूट कहां-कहां से होकर गुजरेगा। इसके आधार पर डीपीआर बनेगी। 60 से 70 हजार करोड़ आएगी लागत

एनएच घोषित तो हो गए, पर इनके निर्माण के लिए 60 से 70 हजार करोड़ रुपये चाहिए होगा। केंद्र ने 2024 तक देश में दो लाख किलोमीटर एनएच बनाने का लक्ष्य रखा है। यही वजह है कि राज्य सरकार के तमाम प्रयासों के बाद भी स्वीकृति नहीं मिल पाई है। मुख्यमंत्री ने की है पैरवी

मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने केंद्र में कई बार राष्ट्रीय राजमार्गों की पैरवी की है। उन्होंने संबंधित मंत्री से भी स्वीकृति देने की गुहार लगाई थी। उनके निर्देश पर लोक निर्माण विभाग ने केंद्र सरकार के मंत्रालय को पत्र लिखा। उधर, एनएच के अधिकारी भी इस मसले पर कुछ भी कहने से गुरेज कर रहे हैं। अभी हैं 19 राष्ट्रीय राजमार्ग

प्रदेश में अभी 19 राष्ट्रीय राजमार्ग हैं। इनकी कुल लंबाई 2581 किलोमीटर है। इनमें से कई निर्माणाधीन हैं। कई मार्गो को चौड़ा किया जा रहा है। दो मार्ग डबललेन किए जाने हैं। इनमें एक हमीरपुर और एक सिरमौर जिले का है। इनके मरम्मत पर भी करोड़ों रुपये खर्च किए गए हैं।


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