पौंग डैम में मरे विदेशी पक्षियों में निकला बर्ड फ्लू का नया स्ट्रेन
रमेश सिगटा शिमला हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा स्थित पौंग डैम में मृत मिले विदेश पक्षियों में
रमेश सिगटा, शिमला
हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा स्थित पौंग डैम में मृत मिले विदेश पक्षियों में अब बर्ड फ्लू का नया स्ट्रेन मिला है। इसकी पुष्टि राष्ट्रीय उच्च सुरक्षा पशुरोग संस्थान, भोपाल की प्रयोगशाला से आई रिपोर्ट में हुई है। हिमाचल ने पड़ोसी राज्यों के चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन को पत्र भेजकर अलर्ट कर दिया है।
पौंग डैम क्षेत्र में दूसरे चरण में मृत मिले 99 पक्षियों में एच-5, एन-8 एवियन इंफ्लुएंजा वायरस निकला है, जबकि पहले चरण में एच-5, एन-1 वायरस के कारण पांच हजार पक्षियों की मौत हुई थी। प्रयोगशाला के निदेशक वीपी सिंह ने हिमाचल के मुख्य सचिव व पशुपालन विभाग के निदेशक को पत्र के जरिये इसकी सूचना दी है।
हिमाचल वन विभाग के वन्य प्राणी विग ने पड़ोसी राज्यों उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, केंद्र शासित जम्मू-कश्मीर व चंडीगढ़ के चीफ वाइल्ड लाइफ वार्डन को अलर्ट कर दिया है। पत्र में कहा गया कि वे अपने राज्यों में विदेशी व अन्य वन्य पक्षियों पर नजर रखें। ऐसी आशंका जताई गई है कि दूसरे चरण का नया स्ट्रेन पड़ोसी राज्यों से हिमाचल आए पक्षियों के कारण फैला है। इनका विदेश जाने का वापसी का रूट हिमाचल से होकर गुजरता है। वापसी में पड़ाव पौंग झील क्षेत्र में हुआ। इस कारण वायरस फैल गया। पौंग डैम में रह गए हैं 15 हजार विदेशी पक्षी
पौंग झील क्षेत्र में अब करीब 15 हजार विदेशी पक्षी रह गए हैं। बाकी लौट गए हैं। इस साल यहां एक लाख आठ हजार पक्षी आए थे। कब आया था पहला मामला
पौंग बांध में बीते साल 29 दिसंबर को पांच विदेशी पक्षियों की मौत का पहला मामला सामने आया था। अगले ही दिन 419 पक्षी मृत पाए गए। इसके बाद रोजाना मौतें हुईं। कांगड़ा में अन्य वन्य पक्षियों की मौत का पहला मामला सात जनवरी को आया। तब कुल 64 पक्षी मृत पाए गए थे। उसी दिन बिलासपुर में भी 16 पक्षियों की मौत हुई थी।। कहां से आते हैं विदेश पक्षी
सेंट्रल एशिया फ्लाई से विदेशी पक्षी हिमाचल की उड़ान भरते हैं। साइबेरिया से लेकर रूस, चीन व कोरिया आदि देशों से पौंग झील में पक्षी आते हैं। हर साल नवंबर में करीब डेढ़ लाख पक्षी यहां आते हैं। 2019 में 133 प्रजातियों के 1.37 लाख विदेशी मेहमान आए थे। मार्च माह में ये अपने देशों को लंबी उड़ान भरते हैं। पहली बार ये वायरस के शिकार हुए हैं।
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पौंग झील क्षेत्र में दूसरे चरण में हुई विदेशी पक्षियों की मौत का कारण नया स्ट्रेन निकला है। भोपाल की प्रयोगशाला से बर्ड फ्लू के ही दूसरे रूप की पुष्टि हुई है। पक्षी तो हमारे यहां अब कम रहे गए हैं। लेकिन मौतें अब भी हो रही हैं। हम वायरस की रोकथाम के लिए उचित और कड़े कदम उठा रहे हैं। पड़ोसी राज्यों को भी आगाह कर दिया गया है।
-अर्चना शर्मा, पीसीसीएफ, वन्य प्राणी विग।