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नगर निगम में शामिल होंगे नए क्षेत्र

राजधानी शिमला में मुख्य शहर से सटी छह पंचायतों के कई इलाके जल्द नगर निगम में मर्ज हो सकते हैं।

By JagranEdited By: Published: Thu, 20 Jan 2022 05:16 PM (IST)Updated: Thu, 20 Jan 2022 05:16 PM (IST)
नगर निगम में शामिल होंगे नए क्षेत्र
नगर निगम में शामिल होंगे नए क्षेत्र

जागरण संवाददाता, शिमला : राजधानी शिमला में मुख्य शहर से सटी छह पंचायतों के कई इलाके जल्द नगर निगम में मर्ज हो सकते हैं। जिला प्रशासन की ओर से इसकी कसरत पूरी कर सरकार को भेज दी गई है। अब सरकार की ओर से इसकी अधिसूचना जारी की जानी है। प्रशासन की ओर से इन क्षेत्रों को शामिल करने से पहले लोगों से आपत्तियां व सुझाव मांगे गए थे। शहरी विकास विभाग की ओर से इन सभी पर मंथन के बाद पूरा मसौदा तैयार किया गया है। अब प्रशासन ने ये मसौदा सरकार को भेजा है, सरकार की ओर से अब कैबिनेट की मंजूरी के बाद ही इसकी अगली प्रक्रिया अमल में लाई जानी है।

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प्रक्रिया पूरी होने के बाद ढली, मैहली, चमयाणा, मल्याणा, भौंट और ब्रह्माू पंचायत के कई इलाके शामिल हैं। प्रशासन को भौंट पंचायत के दुधली और ब्रह्माू पंचायत के केल्टी क्षेत्र से निगम में मर्ज होने के आवेदन आए हैं। इन्हें वार्ड एक में मर्ज किया जा सकता है, इसी तरह से भट्ठाकुफर बाजार में सड़क से नीचे का एरिया और छकड़ैल को चमियाणा का हिस्सा बनाया जा सकता है। मल्याणा बाजार में सड़क से नीचे की आबादी क्षेत्र भी निगम में मर्ज करने का प्रस्ताव है। मैहली के कुछ क्षेत्रों को पंथाघाटी वार्ड में शामिल करने के साथ ही मशोबरा के लिए अलग वार्ड नए क्षेत्रों को शामिल करते बनाया जाना प्रस्तावित है। नए क्षेत्रों के शामिल होते ही होगी डी लिमिटेशन

नए क्षेत्रों को शामिल करने से पहले डी लिमिटेशन शुरू होगी। निगम चुनाव से पहले शिमला में 42 वार्ड बनाए जा सकते हैं। वर्तमान में नगर निगम के 34 वार्ड हैं। आठ नए वार्ड बनाने की कवायद चल रही है। नगर निगम शिमला प्रशासन के पास आठ स्थानों को निगम में शामिल करने की मांग आई है। इनमें ढली, कसुम्पटी, मल्याणा, केलटी, बड़श, तारादेवी से लगे कुछ हिस्से शामिल हैं। इनके अलावा शहर के कुछ पुराने वार्ड ऐसे हैं, जिनके दो वार्ड बनाना प्रस्तावित हैं। ये पूरी प्रक्रिया होने के बाद ही शहर में नए वार्डो का गठन हो सकेगा। वार्डो का गठन दोबारा से हुआ तो रोस्टर से मिलेगी राहत

वार्डो का गठन नए सिरे से हुआ तो रोस्टर भी नए सिरे से होगा। इसमें सबसे ज्यादा लाभ 2017 में पार्षद बने नेताओं को मिल सकता है। यदि डी लिमिटेशन न हो तो पिछली बार जो वार्ड महिलाओं के लिए आरक्षित थे, उनका ओपन रहना तय था, लेकिन अब नए रोस्टर में सभी के लिए खुला मौका होगा। पर्ची से वार्ड आरक्षित होंगे। इसमें कोई भी वार्ड फिर से आरक्षित हो सकता है।


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