न शिक्षकों का वेतन रोका, न किसी को स्कूल से निकाला
राजधानी शिमला के सात निजी स्कूलों के खिलाफ जांच अंतिम चरण में ह
जागरण संवाददाता, शिमला : राजधानी शिमला के सात निजी स्कूलों के खिलाफ जांच अंतिम चरण में है। प्रारंभिक जांच रिपोर्ट के अनुसार इन सात स्कूलों में कार्यरत स्टाफ को लॉकडाउन के दौरान पूरा वेतन दिया गया है। स्कूल प्रबंधन ने शिक्षकों का न तो कोई वेतन रोका न ही भत्ते। किसी भी शिक्षक को स्कूल से नहीं निकाला गया है। वहीं, फीस जमा न करने की सूरत में भी किसी छात्र को स्कूल से नहीं निकाला गया है। सूत्रों के मुताबिक अभी तक केवल 40 फीसद बच्चों ने ही फीस जमा करवाई है। 60 फीसद बच्चों की फीस जमा होना अभी बाकी है। जांच में यह भी सामने आया है कि कई अभिभावकों ने जितनी फीस पिछले साल जमा करवाई थी, इस साल भी उतनी ही फीस जमा करवा दी है। जांच टीम ने हर स्कूल का निरीक्षण कर फीस और वेतन से संबंधित रिकॉर्ड ले लिया है। अभी जांच रिपोर्ट तैयार करने में दो दिन का समय लगेगा। शनिवार तक शिक्षा उपनिदेशक इस रिपोर्ट को निदेशक उच्चतर शिक्षा विभाग को सौंप देंगे।
छात्र अभिभावक मंच ने फीस को लेकर शिमला में आंदोलन शुरू किया था। मंच ने सात स्कूलों की सूची शिक्षा विभाग को सौंपी थी। मंच ने आरोप लगाया था कि विद्यार्थियों से ज्यादा फीस वसूली जा रही है। शिक्षा निदेशक डॉ. अमरजीत शर्मा ने इस शिकायत के आधार पर स्कूलों की जांच के आदेश दिए थे। इन स्कूलों में लॉरेट भराड़ी, डीएवी सीनियर सेकेंडरी स्कूल लक्कड़ बाजार, सरस्वती पैराडाइज पब्लिक स्कूल संजौली, दयानंद पब्लिक स्कूल शिमला, ऑकलैंड हाउस स्कूल लक्कड़ बाजार, डीएवी टुटू और शिशु शिक्षा निकेतन टुटू स्कूल शामिल हैं।
------
-स्कूलों की जांच चल रही है। जल्द ही इसकी रिपोर्ट तैयार कर शिक्षा निदेशक को सौंप दी जाएगी। इस पर आगामी कार्रवाई निदेशालय की ओर से की जाएगी।
-राजेश्वरी बत्ता, शिक्षा उपनिदेशक शिमला (उच्चतर शिक्षा)
------
शिक्षा उपनिदेशक को जांच का जिम्मा सौंपा है। रिपोर्ट आने के बाद ही इस मामले में कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
-डॉ. अमरजीत शर्मा, निदेशक उच्चतर शिक्षा विभाग।