पीएमओ तय करेगा हिमाचल के राष्ट्रीय राजमार्गो की दिशा
हिमाचल के 69 राष्ट्रीय राजमार्गो का भविष्य अब पीएमओ ही तय करेगा, 69 में से 53 इसकी स्वीकृति का इंतजार कर रहे हैं।
शिमला, राज्य ब्यूरो। हिमाचल के 69 राष्ट्रीय राजमार्गो का भविष्य अब प्रधानमंत्री कार्यालय तय करेगा। पीएमओ की हां के बाद ही इन्हें अंतिम स्वीकृति मिल सकेगी। 69 में से 53 इसकी स्वीकृति का इंतजार कर रहे हैं। इनकी एलाइनमेंट रिपोर्ट सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के पास लंबित है। कंसलटेंट ने इसे तय अवधि में तैयार किया था। इसे तैयार करवाने का जिम्मा राज्य के लोक निर्माण विभाग को सौंपा था।
इन मार्गो को विधानसभा चुनाव से पूर्व राष्ट्रीय राजमार्ग घोषित किया गया था। तब प्रदेश में कांग्रेस सरकार थी। उस दौरान कांग्रेस ने डीपीआर बनाने को लेकर खास प्रयास नहीं किए। दिसंबर 2017 में सत्ता परिवर्तन हुआ तो इसके बाद यह मुद्दा विधानसभा में गूंजा था। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने इन्हें पॉलिटिकल एनएच करार दिया था। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा की केंद्र सरकार ने प्रदेश में वोट बैंक हासिल करने के लिए 69 सड़कों को राष्ट्रीय राजमार्ग तो घोषित करवा दिया, लेकिन इनके निर्माण के लिए केंद्र से फंड नहीं लाया गया।
अब यह मामला फिर से बजट सत्र में उठ सकता है। पहले मिली थी सैद्धांतिक मंजूरी इससे पहले इन मार्गो को सैद्धांतिक मंजूरी मिली थी। अंतिम मंजूरी न मिल पाने के कारण इनकी डीपीआर तैयार नहीं हो पाएगी। यह कार्य एलाइनमेंट रिपोर्ट स्वीकृत होने के बाद होगा। एलाइनमेंट रिपोर्ट का मतलब होता है कि प्रस्तावित एनएच का रूट क्या होगा और यह कहां से होकर गुजरेगा। इसके आधार पर डीपीआर बनेगी। 60 से 70 हजार करोड़ आएगी लागत एनएच घोषित तो हो गए पर इनके निर्माण के लिए करीब साठ से 70 हजार करोड़ रुपये चाहिए होगा।
केंद्र ने 2024 तक देश में दो लाख किलोमीटर एनएच बनाने का लक्ष्य रखा है। ऐसे में दूसरे राज्यों के लिए भी पैसा चाहिए होगा। यह वजह है कि हिमाचल सरकार के तमाम प्रयासों के बावजूद स्वीकृति नहीं मिल पाई है। जयराम ने की है पैरवी मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने केंद्र के समक्ष कई बार राष्ट्रीय राजमार्गो की पैरवी की है। उन्होंने संबंधित मंत्री से भी स्वीकृति देने की गुहार लगाई थी। उनके निर्देश पर लोक निर्माण विभाग ने केंद्र के मंत्रालय को पत्र लिखा।
उधर, एनएच के अधिकारी भी इस मसले पर कुछ भी कहने से गुरेज कर रहे हैं। चीफ इंजीनियर एनएन भुवन शर्मा का कहना है कि मामला केंद्र और राज्य सरकार के बीच का है। इस कारण वह इस पर विभाग का पक्ष नहीं रख पाएंगे। उन्होंने इतना जरूर कहा कि जैसे ही केंद्र से एलाइनमेंट रिपोर्ट को मंजूरी मिलेगी, विभाग अगली प्रक्रिया आरंभ कर देगा।