शहर में अब सार्वजनिक स्थानों पर नहीं लगंगे ई-शौचालय
जागरण संवाददाता शिमला शहर में नगर निगम की ई-शौचालय लगाने की योजना सिरे नहीं चढ़ पा रही ह
जागरण संवाददाता, शिमला : शहर में नगर निगम की ई-शौचालय लगाने की योजना सिरे नहीं चढ़ पा रही है। निगम ने शहर में लोगों की सुविधा के लिए सार्वजनिक स्थानों पर ई-शौचालय बनाए तो जरूर हैं, लेकिन लोगों को इसका फायदा कम ही मिल रहा है। ऐसे में अब नगर निगम शिमला शहर के सार्वजनिक स्थानों पर ई-शौचालय नहीं लगाएगा। इसका कारण यह है कि एक स्थान पर दो ई-शौचालय लगाए जा रहे हैं। एक महिला और दूसरा पुरुष। एक समय में दो लोगों को ही इसकी सुविधा मिल पा रही है।
भीड़ वाले क्षेत्रों में कई बार इन शौचालयों के सामने भीड़ लग जाती है। इसके लिए जगह की भी काफी जरूरत रहती है। इस जगह पर यदि दूसरे शौचालय बनाए जाएं तो एक साथ कम से कम चार लोगों को इसकी सुविधा मिल सकती है। ऐसे में निगम अब अतिरिक्त ई-शौचालय लगाने के प्रस्ताव को खारिज कर सकता है।
शहर में नगर निगम के दायरे में 110 सार्वजनिक शौचालय हैं। स्वच्छता सर्वेक्षण 2020 से पहले ही इन सभी शौचालयों का मरम्मत कार्य निगम ने करवाया है। स्वच्छता का जिम्मा भी संबंधित वार्ड के सुपरवाइजरों को सौंपा गया है। शहर में स्थापित किए जा चुके हैं 28 ई-शौचालय
नगर निगम ने शहर में 28 ई-शौचालय स्थापित किए हैं। इन शौचालयों ने जगह तो काफी घेरी है, लेकिन एक समय पर कम ही लोगों को इसकी सुविधा मिल पाती है। ऐसे में नगर निगम शिमला अब अतिरिक्त ई-शौचालयों का निर्माण शहर में नहीं करेगा। आधुनिक सुविधा से लैस हैं ई-शौचालय
शहर में लाखों रुपये की लागत से स्थापित ई-शौचालय आधुनिक सुविधाओं से लैस हैं। इसमें दरवाजा खुलने से लेकर फ्लशिग तक का काम ऑटोमेटिक होता है। ई-टॉयलेट में प्रवेश करने के लिए लोगों को इसमें सिक्का डालना होता है। ई-टॉयलेट में सेंसर का इस्तेमाल किया गया है। जैसे ही टॉयलेट को इस्तेमाल करने के बाद व्यक्ति बाहर निकलता है तो सेंसर सक्रिय हो जाते हैं और ऑटोमेटिक तरीके से अंदर सफाई कार्य शुरू हो जाता है। शहर में करीब 28 ई-शौचालय स्थापित किए गए हैं। अभी जरूरत नहीं है, जरूरत होती है तो नगर निगम शिमला सार्वजनिक शौचालयों का निर्माण करेगा। शहर को स्वच्छ रखना निगम की जिम्मेदारी है।
सत्या कौंडल, महापौर नगर निगम शिमला।