एसजेपीएनएल में कबाड़ बेचने के मामले में सचिव लेंगे फैसला
जागरण संवाददाता शिमला शिमला जल प्रबंधन निगम (एसजेपीएलएल) में कबाड़ बेचने का मामला फिर से ग
जागरण संवाददाता शिमला : शिमला जल प्रबंधन निगम (एसजेपीएलएल) में कबाड़ बेचने का मामला फिर से गरमा गया है। इस बार नगर निगम की बठक में पार्षद राकेश चौहान ने यह मामला उठाया। इसके जवाब में निगम आयुक्त आशीष कोहली ने कहा कि मामले की जांच शहरी विकास विभाग के निदेशक को सौंप दी है। विभाग के सचिव आगामी कार्रवाई करेंगे। नगर निगम ने मामले की जांच कर विभाग को रिपोर्ट सौंप दी है। इस मामले में एसजेपीएनएल के अधिकारियों पर आरोप है कि उन्होंने निगम के हाउस की मंजूरी के बिना ही करोड़ों रुपये का कबाड़ बेच दिया है। इसमें कई ऐसे पंप और पाइपें तक हैं, जो अंग्रेजों के समय की लगी हैं। इनकी कीमत लाखों या करोड़ों रुपये में हो सकती थी। इसके बेचने से निगम को नुकसान हुआ है।
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बिना मंजूरी के बेचने के कारण गहराया है विवाद
शहर में पहले पानी की सप्लाई का काम नगर निगम खुद करता था। पिछले कुछ समय से यह काम शिमला जल प्रबंधन निगम को दे दिया है। निगम को यह काम सौंपने के साथ संपत्ति दे दी थी। इन सब संपत्ति के आकलन से पहले ही शिमला जल प्रबंधन निगम ने पंप हाउस से लेकर पेयजल स्रोतों में पुराने यंत्रों को बेच दिया है। इसके लिए नगर निगम के हाउस तक की मंजूरी नहीं ली गई, हालांकि नियमों के तहत निगम के हाउस की मंजूरी लेना अनिवार्य था। उस समय तक शिमला जल प्रबंधन निगम की ओर से निगम को संपत्ति के एवज में कोई भी राशि नहीं दी गई थी। इसलिए इस पर अधिकार नगर निगम का था। इसे बेचना निगम के नियमों के खिलाफ है। इसलिए निगम के पार्षद लंबे समय से इस पूरे मामले की जांच की मांग कर रहे हैं। निगम के आला अधिकारियों से लेकर निचले स्तर के अधिकारी आगे जांच के दायरे में आ सकते हैं।