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जांच अधिकारियों के लिए तैयार हो रहा एप

कोटखाई में दसवीं की छात्रा गुड़िया की दुष्कर्म के बाद हत्या मामले से पुलिस सबक सीखने की तैयारी में है।

By JagranEdited By: Published: Sat, 03 Feb 2018 03:00 AM (IST)Updated: Sat, 03 Feb 2018 03:00 AM (IST)
जांच अधिकारियों के लिए तैयार हो रहा एप
जांच अधिकारियों के लिए तैयार हो रहा एप

राज्य ब्यूरो, शिमला : कोटखाई में दसवीं की छात्रा गुड़िया की दुष्कर्म के बाद हत्या मामले से हिमाचल पुलिस सबक सीखने की तैयारी में है। पुलिस की जांच कहानी पर कोटखाई के दांदी सरीखे सवाल फिर न उठें, इसके लिए जांच अधिकारियों के लिए भी अलग से मोबाइल एप तैयार हो रहा है। इसमें उन्हें मौका-ए-वारदात की पेचीदगियां सुलझाने में मदद मिलेगी।

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तफ्तीश कार्य में सीबीआइ जैसे स्टेंडर्ड अपनाए जाने की कोशिश होगी। इसके लिए स्टेंडर्ड ऑफ ऑपरेटिंग पर कार्य हो रहा है जिसमें जांच में माहिर अधिकारी सहयोग कर रहे हैं। जैसे ही ये स्टेंडर्ड ऑफ ऑपरेटिंग बन जाएंगे, पुलिस महानिदेशक एप की औपचारिक लांचिंग करेंगे। गुड़िया प्रकरण में पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठे थे। अपराध घटनास्थल से साक्ष्य उठाने में पुलिस पर लापरवाही बरतने के आरोप लगे थे। इस मामले में फॉरेंसिक विशेषज्ञों ने भी वैज्ञानिक आधार पर सुबूत उठाने में दिलचस्पी नहीं दिखाई। यही कारण है कि अभी तक सीबीआइ भी असली आरोपियों तक नहीं पहुंच पाई है। घटनास्थल को प्रिजर्व भी नहीं किया गया था। सीबीआइ का आरोप है कि पुलिस अधिकारियों व कर्मियों ने जानबूझ कर सुबूत नष्ट किए लेकिन अब राज्य पुलिस जांच अधिकारियों के लिए संगीन अपराधों की तफ्तीश के तौर तरीके समझाएगी। अब स्पॉट को प्रिजर्व किया जाएगा और अपराध होने पर क्या करें, क्या न करें, इस संबंध में मोबाइल एप पर पूरी जानकारी दी जाएगी। जांच अधिकारियों को फॉरेंसिक साइंस की भी बारीकियां सिखाई जाएंगी। गुड़िया केस में आरोपी सूरज की लॉकअप में हत्या से जुड़े मामले में अभी तक निलंबित आइजी जेड एच जैदी, एसपी डीडब्ल्यू नेगी व डीएसपी मनोज जोशी की जमानत नहीं हो पाई है। आइजी समेत आठ पुलिस कर्मी गत वर्ष अगस्त से जेल में हैं। नवंबर से शिमला के पूर्व एसपी डीडब्ल्यू नेगी जेल में हैं। गुड़िया मामले की हाईकोर्ट में इसी महीने के अंत में सुनवाई होगी। इस मामले की सीबीआइ जांच कर रही है। सीबीआइ को गुड़िया व सूरज हत्या मामले की जांच 19 जुलाई को सौंपी गई थी।


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