शिमला के लोगों को पहली बार हर दिन पानी
राजधानी शिमला के लोगों को पहली बार हर दिन पानी मिल रहा है।
राज्य ब्यूरो, शिमला : मुख्य सचिव बीके अग्रवाल ने शुक्रवार को शिमला में जलापूर्ति व्यवस्था की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि पिछले साल आए पेयजल संकट को ध्यान में रखकर सरकार जलापूर्ति एवं गुणवत्ता की निगरानी कर रही है। फलस्वरूप संबद्ध विभागों के साथ जलापूर्ति के लिए समन्वय स्थापित किया है। उन्होंने कहा कि शहर के निवासियों को पहली बार प्रतिदिन पानी की आपूर्ति की जा रही है। नगर निगम के सभी वार्डो को समयसारिणी के अनुसार 48 मिलियन लीटर से अधिक पानी की प्रतिदिन आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। जलापूर्ति में वृद्धि गुम्मा पंपिंग स्टेशन एवं जाखू, ढिगूधार, कामना देवी और नार्थओक के पुराने पंपों को बदले जाने से हुई है।
उन्होंने बताया कि वहीं शिमला जल प्रबंधन निगम लिमिटेड (एसजेपीएनएल) ने 14 किलोमीटर लंबी रिसाव वाली पुरानी पाइप लाइन को बदला है। इससे लीकेज रोकर पानी को व्यर्थ बहने से रोका है। इस वर्ष 1489 पानी के कनेक्शन दिए गए हैं। इस वर्ष पुराने 154 कंट्रोल वाल्वस बदले गए हैं। गुम्मा, गिरी व कोटी बरांडी स्थित फिल्टरेशन प्रणालियों को स्तरोन्नत किया गया है। जल की गुणवत्ता निर्धारित मानकों के अनुसार करने के लिए की 20 स्थानों से नमूने एकत्रित कर उनकी जांच आइजीएमसी में की जा रही है। इस वर्ष शिमला में पीलिया रोग का एक भी मामला सामने नहीं आया है। सभी जल भंडारण टैंकों की सुरक्षा एवं सफाई के लिए उनकी तालाबंदी की गई है। पार्षदों और आम जनता की उपस्थिति में वर्ष में दो बार टैंकों की सफाई की जा रही है। एसजेपीएनएल के उठाए प्रभावी कदमों के फलस्वरूप स्थापित 54 एमएलडी क्षमता के साथ अब 60 एमएलडी तक पानी उठाने में सक्षम है।
अग्रवाल ने बताया कि क्लोरीन से पानी के शुद्धिकरण पर निगरानी सुनिश्चित करने के लिए विस्तृत तंत्र स्थापित किया है। सीवरेज संग्रहण एवं उपचार में 100 फीसद वृद्धि हुई है, जो सात एमएलडी से बढ़कर 14 एमएलडी हो गया है। एसजेपीएनएल ने दिसंबर तक सभी घरों के रसोई एवं स्नानागार के जल को सीवरेज नेटवर्क के तहत लाने का लक्ष्य रखा है। वॉल्यूमेट्रिक बिलिग से घरेलू पानी के बिल में 50 फीसद से अधिक की कटौती हुई है। उपभोक्ता संबंधी जानकारी का डिजिटाइजेशन किया गया है। एसजेपीएनएल के शुरू किए आइईसी अभियान के माध्यम से उपभोक्ताओं को पानी की बर्बादी रोकने एवं रिसाव संबंधी सूचना देने के लिए जागरूक किया गया है। पानी संरक्षण के लिए कार्यालय परिसरों तथा होटलों में कार्यशालाओं का आयोजन किया जा रहा है। जल सखी नामक महिला समूहों का गठन किया है जो पानी के रिसाव, ओवरफ्लो, दुरुपयोग तथा अन्य जल संबंधी शिकायतों की रिपोर्ट एसजेपीएनएल की शिकायत निवारण प्रकोष्ठ को देगा।
बैठक में प्रधान सचिव शहरी विकास प्रबोध सक्सेना, आयुक्त नगर निगम पंकज राय, निदेशक (सिविल) हिमाचल प्रदेश पावर कार्पोरेशन लिमिटेड धर्म सिंह ठाकुर, प्रधान मुख्य अरण्यपाल, निदेशक शिमला जल प्रबन्धन निगम, प्रमुख अभियन्ता सिचाई एवं जन स्वास्थ्य विभाग और मुख्य अभियन्ता सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।