Move to Jagran APP

1500 शिक्षकों को मेडिकल सर्टिफिकेट में पेंच

जागरण संवाददाता शिमला राज्य सरकार के आदेशों के बाद स्कूलों में कार्यरत पीटीए पैट औ

By JagranEdited By: Published: Tue, 11 Aug 2020 04:55 PM (IST)Updated: Tue, 11 Aug 2020 04:55 PM (IST)
1500 शिक्षकों को मेडिकल सर्टिफिकेट में पेंच
1500 शिक्षकों को मेडिकल सर्टिफिकेट में पेंच

जागरण संवाददाता, शिमला : राज्य सरकार के आदेशों के बाद स्कूलों में कार्यरत पीटीए, पैट और पैरा शिक्षकों को नियमित करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। नियमित होने के बाद शिक्षकों को ज्वाइनिंग के वक्त मेडिकल सर्टिफिकेट देना होगा। शिमला जिला में कार्यरत करीब 1500 शिक्षक इसको लेकर परेशान हैं। परेशानी का कारण कोरोना महामारी में मेडिकल सर्टिफिकेट लेने में आने वाली दिक्कत है।

loksabha election banner

राजधानी शिमला के दीन दयाल उपाध्याय अस्पताल (रिपन) क्षेत्रीय अस्पताल को सरकार ने कोविड समर्पित अस्पताल बनाया है। यहीं पर मेडिकल सर्टिफिकेट बनाए जाते हैं। कोविड समर्पित अस्पताल होने के चलते यहां पर किसी को भी आने की अनुमति नहीं है। इसके बाद इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आइजीएमसी) है। आइजीएमसी में इतनी ज्यादा भीड़ होती है कि एक छोटा सा टेस्ट करवाने में ही पूरा दिन लग जाता है। कोरोना महामारी के खतरे के बीच जिलाभर से शिक्षकों को मेडिकल बनवाने के लिए शिमला आना पड़ेगा। कोरोना महामारी में इसमें न केवल खतरा है बल्कि शिक्षकों के लिए परेशानी भी है।

----------------

बीएमओ स्तर पर मेडिकल सर्टिफिकेट की उठाई मांग

अखिल भारतीय अस्थायी अध्यापक संघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष सुनील चौहान ने कहा कि कोरोना महामारी के बीच शिक्षकों को दूरदराज क्षेत्रों से शिमला आना पड़ेगा। आइजीएमसी में इतनी भीड़ होती है कि मेडिकल सर्टिफिकेट बनाने के लिए दिनभर लाइनों में खड़े रहना पड़ेगा। कोरोना महामारी के खतरे को देखते हुए राज्य सरकार इसमें छूट दे। बीएमओ स्तर पर मेडिकल सर्टिफिकेट जारी करने की सुविधा प्रदान की जाए।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.