आयुक्त विदेश में, विरोधी ने तबादले की चर्चा पर दिया जोर
नगर निगम शिमला के आयुक्त के तबादले की चर्चाएं आजकल पूरे शहर में बनी हुई है। इसके साथ ही सचिवालय की गलियों में ये चर्चा का टापिक बना हुआ है। असल में धर्मशाला स्मार्ट सिटी का चयन स्मार्ट सिटी की सूची में काफी पहले हो चुका है । लेकिन अभी तक वहां पर कोई भी कार्य शुरू नहीं हुआ है। स्मार्ट सिटी का ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है। जिस कंपनी को धर्मशाला में स्मार्ट सिटी बनाने का कार्य दिया गया है। उसके खिलाफ वहां की ही नगर निगम मेयर ने मोर्चा खोल कर कई गंभीर आरोप लगाए है। ये विवाद केवल धर्मशाला नगर निगम में ही नहीं बल्कि सरकार के सामने भी कई बार उठ चुका है। असल में केंद्र में फिर से भाजपा की सरकार बनी है। ऐसे में सरकार वहां के प्रशासनिक तंत्र में भारी फेरबदल करने की तैयारी कर चुकी है। ताकि ठंडे बस्ते में पड़े कार्य को तीव्र गति मिल सके। सू
जागरण संवाददाता, शिमला : नगर निगम शिमला के आयुक्त आजकल डेनमार्क के दौरे पर हैं और 25 जून को वापस आएंगे। आयुक्त की गैर मौजूदगी में विरोधी धड़े ने उनके तबादले की चर्चा को जोर दे दिया है। वहीं पंकज राय के विरोध में स्थानीय भाजपा का एक धड़ा भी है, जोकि उन्हें हटाने के लिए पहले भी मुख्यमंत्री के समक्ष पक्ष रख चुका है। शहर के साथ सचिवालय की गलियों में चर्चा का विषय बना हुआ है। असल में धर्मशाला का चयन स्मार्ट सिटी की सूची में काफी पहले हो चुका है। लेकिन अभी तक वहां पर कोई भी कार्य शुरू नहीं हुआ है। स्मार्ट सिटी योजना का कार्य ठंडे बस्ते में पड़ा हुआ है। जिस कंपनी को धर्मशाला में स्मार्ट सिटी बनाने का कार्य दिया गया है। उसके खिलाफ नगर निगम धर्मशाला के मेयर ने मोर्चा खोलकर कई गंभीर आरोप लगाए हैं। ये विवाद केवल नगर निगम धर्मशाला में ही नहीं बल्कि सरकार के सामने भी कई बार उठ चुका है। असल में केंद्र में फिर से भाजपा की सरकार बनी है। ऐसे में सरकार वहां के प्रशासनिक तंत्र में भारी फेरबदल करने की तैयारी कर चुकी है। ताकि ठंडे बस्ते में पड़े कार्य को तीव्र गति मिल सके। सूत्रों के मुताबिक नगर निगम आयुक्त पंकज राय को धर्मशाला नगर निगम आयुक्त के तौर पर तबादला करने की चर्चा सचिवालय में आला अधिकारियों में हो चुकी है। क्योंकि भाजपा शिमला और धर्मशाला स्मार्ट सिटी का अधिकांश कार्य विधानसभा चुनाव से पहले पूरा करना चाहती है। ताकि बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन सके। पंकज राय के पास नगर निगम को चलाने का काफी अनुभव है। इसी अनुभव का इस्तेमाल धर्मशाला नगर निगम को पटरी पर लाने के लिए करना चाहती है। ऐसे में अब मुख्यमंत्री भी विदेश दौरे से लौट चुके हैं। अब कुछ दिन में तबादला होने की संभावना है।
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विवादों में रहा एमसी धर्मशाला
असल में जब केंद्र में एनडीए सरकार के 2014-19 के कार्यकाल में एमसी धर्मशाला का चयन कर लिया गया था। हालांकि उस समय सरकारी दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ करने के आरोप पूर्व प्रदेश कांग्रेस सरकार पर लगे थे। क्योंकि तत्कालीन नगर निगम मेयर संजय चौहान ने धर्मशाला के स्मार्ट सिटी के चयन के खिलाफ हाईकोर्ट में केस कर दिया था। हाईकोर्ट ने दोबारा सर्वे करने के आदेश दिए और रिकॉर्ड के साथ छेड़खानी की बात भी सामने आई। दोबारा चयन हुआ और नगर निगम शिमला स्मार्ट सिटी की सूची में शामिल हो सका था।
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