कूड़ा उठे या न उठे, साल का शुल्क देना होगा पहले
अजय बन्याल, शिमला घर से कूड़ा हर रोज उठे या न उठे, लेकिन फिर भी सालभर का शुल्क एडवा
अजय बन्याल, शिमला
घर से कूड़ा हर रोज उठे या न उठे, लेकिन फिर भी सालभर का शुल्क एडवांस में ले लिया जाएगा। नगर निगम प्रशासन गृह कर की तर्ज पर डोर टू डोर व्यवस्था का शुल्क मासिक नहीं बल्कि साल में एक बार लेगा। ऐसे में अब अगर महीने में कूड़ा उठाने वाले आएं या न आएं जनता कुछ नहीं कर सकेगी। पहले जब कर्मचारी हड़ताल पर जाते थे तो जनता शुल्क नहीं देती थी, लेकिन नई व्यवस्था में ऐसा नहीं हो पाएगा। नगर निगम इस मासिक सदन में इससे संबंधित प्रस्ताव मंजूरी के लिए रखेगा। अगर मंजूरी मिल जाती है तो आगामी वर्ष से सालाना डोर टू डोर गारबेज व्यवस्था का शुल्क उपभोक्ताओं से वसूला जाएगा।
गारबेज कलेक्शन में वित्तीय अनियमितता पर निगम प्रशासन ने नकेल पहले ही कस दी है। अब साल का शुल्क एक साथ लेने के बाद सैहब सोसायटी के कर्मचारियों को हर महीने शुल्क नहीं लेना होगा। वहीं हाल ही में शुरू की गई व्यवस्था में सुपरवाइजर पर नकेल कसी है, जो सुपरवाइजर इस काम में कोताही बरतेगा उसका 30 फीसद वेतन रोक दिया जाएगा। एमसी के नए आदेश के तहत 95 फीसद से अधिक शुल्क वसूली करने वाले सुपरवाइजर को बतौर प्रोत्साहन राशि 800 रुपये और 90 से 95 प्रतिशत के बीच वसूली करने वाले सुपरवाइजर को 400 रुपये प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। वहीं जो सुपरवाइजर 90 फीसद से कम वसूली करेगा, उसका 30 प्रतिशत वेतन रिकवरी होने के बाद दिया जाएगा।
वहीं, नगर निगम ने चार वार्डो में आउटसोर्स की सफाई व्यवस्था को रद कर दिया है। इसके बाद टुटू, मच्याठ, बालूगंज और कच्चीघाटी की सफाई व्यवस्था अब खुद निगम देख रहा है। यही नहीं चारों वार्डो की बिगड़ी सफाई व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सैहब कर्मचारियों के अलावा ठेके पर कर्मचारी भी तैनात किए हैं।
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डोर टू डोर गारबेज कलेक्शन का शुल्क अब गृह कर की तरह सालाना लिया जाएगा। नगर निगम के मासिक सदन में इससे संबंधित प्रस्ताव आएगा, क्योंकि स्टाफ गारबेज कलेक्शन में अधिकांश समय व्यस्त रहता है, इस वजह से यह कार्य प्रभावित होता है।
-पंकज राय, आयुक्त नगर निगम शिमला।