रास्तों से लेकर सड़केंअब स्मार्ट सिटी के तहत बनेंगी
नगर निगम शिमला के सभी 34 वार्डों में अब स्वच्छता के लिए वार्ड कमेटी का गठन निगम ने किया है।
जागरण संवाददाता, शिमला : नगर निगम की वित्त कमेटी की बैठक में स्मार्ट सिटी के तहत पार्क, नाले, रास्ते, नालियां बनाने के लिए 4.91 करोड़ के प्रस्ताव को मंजूरी दी है। पूरे शहर में नौ करोड़ से स्ट्रीट लाइटें लगाने के प्रस्ताव भी मंजूर हुआ है। शहर में स्मार्ट सिटी के तहत इन प्रोजेक्ट का काम काम होगा। 31 मार्च तक 81 कार्यो को पूरा करने का अधिकारियों को लक्ष्य दिया है। सभी 34 वार्डो में अब स्वच्छता के लिए वार्ड कमेटी बनेगी।
कमेटियां शौचालय से लेकर घरों से निकलने वाले सूखे व गीले कूड़े कोअलग-अलग करने के साथ सफाई व्यवस्था का जिम्मा संभालेंगी। कमेटी का मुखिया वार्ड पार्षद होगा। शहर में 500 मीटर की दूरी पर शौचालय बनाए जाएंगे। वार्ड स्तर पर बने इन शौचालयों की सफाई का जिम्मा भी वार्ड कमेटी का ही रहेगा। सोमवार को नगर निगम की महापौर कुसुम सदरेट की अध्यक्षता में हुई बैठक में ये फैसले लिए।
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आवारा कुत्ता पालने पर पार्किंग फ्री
बैठक में आवारा कुत्ता पालने पर कूड़ा उठाने का शुल्क, कुत्ते का इलाज व पंजीकरण निशुल्क करने के निगम के निर्णय पर भी मुहर लग गई है। शहर में बढ़ रहे आवारा कुत्तों को कम करने के लिए निगम ने यह निर्णय लिया है। इसके अलावा तहबाजारियों को शहर से हटाने के लिए 10 होमगार्ड 2020 मार्च तक सेवाएं देंगे। इसके अलावा सैहब सोसायटी में काम कर रहे कर्मचारियों का करार दिसंबर में खत्म होने वाला था। बैठक में निर्णय लिया कि सैहब कर्मचारियों के करार को मार्च तक बढ़ाया जाए।
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मंदिरों से निकले वेस्ट को जुटाने का जिम्मा सुपरवाइजरों को सौंपा, धूप बनाने की तैयारी
नगर निगम के दायरे में आने वाले मंदिरों से निकलने वाले चढ़े हुए फूल और पूजा सामग्री से धूप बनाने की तैयारी भी कर ली है। निगम की ओर से मंदिर कमेटियों को पत्र लिखे गए हैं कि कचरे को यहां-वहां न फेंकें। सैहब सुपरवाइजरों को जिम्मेदारी सौंपी गई है कि मंदिरों से निकलने वाले कचरे को एकत्रित करें, ताकि धूप बनाया जा सके। धूप बनाने के अलावा जो वेस्ट बचेगा उससे खाद बनाई जाएगी।
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सैहब सोसायटी में 25 और कर्मचारी रखे जाएंगे
शहर में सफाई व्यवस्था को और सुदृढ़ करने के लिए नगर निगम शिमला 25 और सैहब कर्मचारियों की नियुक्ति करेगा। अब नगर निगम शिमला संस्कृत कॉलेज से हॉस्टल को वापस लेगा। इस बाबत निगम ने कॉलेज प्रशासन को सूचित कर दिया है। संस्कृत कॉलेज के पास अभी अपना भवन नहीं है। हालांकि संस्कृत कॉलेज के भवन का काम चल रहा है और जल्द ही भवन बनकर तैयार हो जाएगा।