किन्नौर के निचार में सबसे अधिक 2.90 फीसद नोटा प्रयोग
राज्य ब्यूरो शिमला हिमाचल प्रदेश में पंचायत चुनाव में 2015 में पहली बार हुए नोटा (नन ऑफ
राज्य ब्यूरो, शिमला : हिमाचल प्रदेश में पंचायत चुनाव में 2015 में पहली बार हुए नोटा (नन ऑफ द एबव यानी इनमें से कोई नहीं) विकल्प का प्रयोग में सबसे अधिक किन्नौर जिला में 1.67 फीसद और निचार ब्लॉक में 2.90 फीसद दर्ज हुआ था। प्रदेश में उस समय नोटा का प्रयोग 0.67 फीसद मतदाताओं ने किया। पंचायत चुनाव में मतपत्रों से मतदान होता है और सभी प्रत्याशियों के बाद अंत में इनमें से कोई नहीं का विकल्प मौजूद होता है। पहली बार इतनी तादाद में नोटा का इस्तेमाल हुआ था। शहरी निकायों के ईवीएम इलेक्ट्रॉनिक वोटिग मशीन से हुए मतदान में नोटा का विकल्प दिया गया था।
यह दूसरा मौका है जब पंचायत चुनाव में भी नोटा को इस्तेमाल मतदाता कर सकेंगे। प्रदेश में पंचायती राज संस्थाओं के चुनाव में दो उम्मीदवारों से लेकर 16 उम्मीदवार चुनावी मैदान में है। आम तौर पर 5 से 7 प्रत्याशी चुनाव लड़ रहे हैं। 2015 पंचायत चुनाव नोटा का प्रयोग
जिला,नोटा(प्रतिशत में)
बिलासपुर,0.72
चंबा,0.31
हमीरपुर,0.46
कांगड़ा,0.91
किन्नौर,1.67
कुल्लू,0.32
मंडी,0.62
शिमला,0.47
सिरमौर,0.34
सोलन,0.63
ऊना,0.90
कुल,0.67
कब से शुरु हुआ नोटा
नोटा का उपयोग पहली बार भारत में 2009 में किया गया था। स्थानीय चुनाव में मतदाताओं को नोटा का विकल्प देने वाला छतीसगढ़ देश का पहला राज्य था। भारतीय निर्वाचन आयोग ने दिसंबर 2013 के विधानसभा चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक वोटिग मशीन में नोटा के बटन का विकल्प उपलब्ध करवाने के निर्देश दिए।
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लोकसभा चुनाव 2019 में तीसरे स्थान पर रहा नोटा
प्रदेश में 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा और कांग्रेस पार्टियों के प्रत्याशियों के बाद सबसे अधिक नोटा का इस्तेमाल किया गया था। प्रदेश की चार लोकसभा सीटों के लिए 38.01 लाख मतदाताओं ने मत डाले जिनमें से 33008 ने नोटा का बटन दबाया था। इन दोनों पार्टियों के प्रत्याशियों के बाद अन्य कोई भी दल के प्रत्याशी नहीं थे। 17, 19 और 21 जनवरी को सार्वजनिक अवकाश
हिमाचल प्रदेश में पंचायती राज संस्थाओं के आम चुनावों के कारण 17, 19 व 21 जनवरी, 2021 को सार्वजनिक अवकाश घोषित किया गया है। यदि चुनाव हुआ तो यह अवकाश संबंधित क्षेत्रों में केवल मतदान के दिन होगा। इंडस्ट्रियल डिस्प्यूट्स एक्ट के अंतर्गत प्रदेश में सभी सरकारी कार्यालय, बोर्ड, निगम, शैक्षणिक संस्थान और औद्योगिक प्रतिष्ठान तथा इन क्षेत्रों में स्थित दुकानें मतदान के दिन बंद रहेंगी। दैनिकभोगी कर्मचारियों के लिए वैतनिक अवकाश होगा।