पटरी पर लौटने लगा जनजीवन
राजधानी शिमला सहित जिला में हिमपात के तीन दिन बाद स्थिति सामान्य होन
जागरण संवाददाता, शिमला : राजधानी शिमला सहित जिला में हिमपात के तीन दिन बाद स्थिति सामान्य होने लगी है। नेशनल हाइवे सहित जिला के सभी मुख्य मार्गों को बहाल कर दिया है। सुबह और शाम के समय सड़कों पर फिसलन होने से कुछ दिक्कतें पेश आ रही हैं।
मुख्य मार्गों के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों की सड़कों पर भी यातायात व्यवस्था बहाल कर दी गई है। बिजली के खराब पड़े ट्रांसफार्मरों को ठीक कर दिया गया है। जिला के ऊपरी क्षेत्रों में बिजली व्यवस्था बहाल कर दी है। बिजली बोर्ड का दावा है कि जिन क्षेत्रों में अभी बिजली बाधित है वहां पर एक-दो दिन में व्यवस्था ठीक कर दी जाएगी।
मंगलवार को शिमला से रोहड़ू के बीच ट्रायल के आधार बस भेजी गई। ट्रायल सफल रहने के बाद बुधवार से रूट पर सुबह आठ बजे के बाद रूटीन बसों को चलाया जाएगा। तीन दिन से बंद पड़े संजौली-लक्कड़ बाजार मार्ग पर इलेक्ट्रिक बस और टैक्सी सेवा को भी बहाल कर दिया है। मंगलवार सुबह 10.15 बजे शिमला से रोहडू के लिए ट्रायल के तौर पर बस भेजी गई। कुफरी, फागू और खड़ापत्थर होते हुए यह बस तय स्थान तक पहुंची। निगम प्रबंधन का कहना है कि सुबह आठ बजे के बाद सड़कों की स्थिति को देखते हुए बसें चलाई जाएंगी। जुब्बल-छाजपुर, रोहडू-सुंगरा मार्ग पर काफी ज्यादा बर्फ है। इसे बहाल करने का काम जारी है। संजौली से आइजीएमसी के लिए इलेक्ट्रिक बस सेवा और लक्कड़ बाजार के लिए टैक्सी सेवा शुरू कर दी है। लोकल डिपो की अधिकतर बसें मुख्यालय पहुंच गई हैं। शहर के कुछ उपनगरों के लिए अभी फिसलन अधिक होने के चलते बसें नहीं भेजी जा रही हैं।
-जेपी शर्मा, क्षेत्रीय प्रबंधक एचआरटीसी पर्यटकों की आमद बढ़ी, कुफरी तक लगा जाम
राजधानी सहित जिला के पर्यटन स्थलों में हिमपात के बाद भारी संख्या में पर्यटक घूमने के लिए शिमला पहुंच रहे हैं। मंगलवार को शहर में काफी जाम लगा। इसके अलावा ढली से कुफरी तक जगह-जगह जाम की स्थिति बनी रही। लंबा ट्रैफिक जाम लगा रहा। कुफरी व नारकंडा के पास सड़क छोटे वाहनों के लिए बहाल
कुफरी और नारकंडा के पास सड़क को छोटे वाहनों के लिए यातायात को खोल दिया गया है, लेकिन इन रूटों पर बसें नहीं चल पाई हैं। कोहरा जमने के चलते इसका असर सड़क यातायात पर पड़ा है। जिले के ग्रामीण और दूरदराज की सड़कें बंद पड़ी हुई हैं। इसका असर सबसे ज्यादा ऊपरी शिमला में देखने को मिला है। कोटखाई, चौपाल, नेरवा ननखड़ी और ठियोग से आगे नरैल व मत्याणा में अभी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।