दो डाक्टरों के सहारे 104 मरीज
कोरोना समर्पित अस्पताल रिपन में डाक्टरों की कमी है।
जागरण संवाददाता, शिमला : कोरोना समर्पित अस्पताल रिपन में डाक्टरों की कमी है। एक शिफ्ट में दो डॉक्टरों के सहारे 104 मरीज हैं। ऐसे में एक साथ सभी मरीजों के इलाज में स्टाफ को परेशानी झेलनी पड़ रही है। अस्पताल प्रशासन ने 10 डाक्टरों की भर्ती करने के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा है।
डॅक्टरों की भर्ती होने से मौजूदा स्टाफ पर पड़ रहा अतिरिक्त बोझ कम होगा। मौजूदा समय में अस्पताल में एक दिन के लिए सात डाक्टर तैनात रहते हैं। सुबह और शाम की शिफ्ट में दो-दो डाक्टर ड्यूटी दे रहे हैं। वहीं, रात के समय तीन डाक्टर मरीजों की देखभाल में तैनात रहते हैं। अस्पताल में कोरोना के 104 मरीज दाखिल हैं। सभी मरीज ऑक्सीजन पर हैं। ऐसे में मरीजों के खाने पीने से लेकर इलाज का सारा जिम्मा डाक्टरों व अन्य स्टाफ पर होता है। छह घंटे की शिफ्ट में कई बार दो डाक्टर सभी मरीजों को चेकअप करने में असमर्थ होते हैं। मरीजों की हालत गंभीर होने के कारण उन्हें चेक करने में अधिक समय लगता है। इस स्थिति में कई मरीज डाक्टर का इंतजार करते रह जाते हैं। निजी होटल में रहने की व्यवस्था
रिपन में डाक्टरों के साथ नर्सो, पैरामेडिकल और सुरक्षा कर्मियों का करीब 20 लोगों का स्टाफ शिफ्टवाइज ड्यूटी दे रहा है। ड्यूटी पूरी होने के बाद स्टाफ के रहने के लिए हाईकोर्ट के समीप निजी होटल में व्यवस्था की गई है। स्टाफ के लिए करीब 20 कमरे लिए गए हैं ताकि उसे संक्रमण से दूर रखा जा सके। इसके अलावा स्टाफ के खाने पीने की व्यवस्था भी यहीं की गई है। संक्रमण के खतरे के कारण स्टाफ को घर नहीं भेजा जाता है। इसलिए प्रशासन ने रहने के लिए अलग से यह व्यवस्था की है।
------------ रिपन में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। अस्पताल में करीब 30 डाक्टर हैं जो रोस्टर के हिसाब से मरीजों के इलाज में जुटे हैं। एक समय में 100 से अधिक मरीजों की देखभाल करना डाक्टरों के लिए मुश्किल है। करीब 10 डाक्टरों की भर्ती के लिए सरकार से मांग की गई है।
डाक्टर रविद्र मोक्टा, कार्यकारी एमएस, रिपन अस्पताल शिमला