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लेक्चरर भर्ती पर लग सकती है रोक, सरकार जल्द लेगी अहम फैसला

हिमाचल में लेक्चरर भर्ती पर सरकार की रोक लग सकती है ऐसी उम्‍मीद ही कि इस फैसले को सरकार जल्‍द लागू कर देगी।

By Babita kashyapEdited By: Published: Thu, 07 Nov 2019 09:02 AM (IST)Updated: Thu, 07 Nov 2019 09:02 AM (IST)
लेक्चरर भर्ती पर लग सकती है रोक,  सरकार जल्द लेगी अहम फैसला
लेक्चरर भर्ती पर लग सकती है रोक, सरकार जल्द लेगी अहम फैसला

शिमला, रमेश सिंगटा। स्कूल काडर की लेक्चरर भर्ती पर सरकार रोक लगा सकती है। इस संबंध में सरकार अपने ही कैबिनेट फैसले को जल्द लागू करेगी। सूत्रों के अनुसार गैर हिमाचली बनाम हिमाचलियों के बीच नौकरियों के विवाद को खत्म करने के लिए अंदरूनी कसरत आरंभ हो गई है। उधर, लोक सेवा आयोग के अध्यक्ष सेवानिवृत्त मेजर जनरल धर्मवीर सिंह राणा ने कहा है कि अगर सरकार आदेश दे तो वह भर्ती को रोक देंगे। उन्होंने कहा कि जैसे ही नए निर्देश अथवा भर्ती एवं पदोन्नति (आरएंडपी) नियम संशोधित करने से जुड़े आदेश आएंगे, उसके बाद नए सिरे से भर्ती का विज्ञापन निकालेंगे। नियमों में संशोधन किए बगैर गैर हिमाचलियों को रोकना संभव नहीं है। आयोग नियमों से बंधा हुआ है। एक भी शब्द अपनी मर्जी से न तो जोड़ा और न ही बाहर निकाला जाता है।

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लेक्चरर भर्ती करने के मामले में शिक्षा निदेशक (उच्चतर) डॉ. अमरजीत कुमार शर्मा की ओर से 19 सितंबर 2018 को आरएंडपी रूल्स भेजे गए। इसके रूल 14 में साफ लिखा है कि भारत का नागरिक इस भर्ती में शामिल हो सकता है। निदेशक ने आयोग को अलग से सरकार के ऐसे गाइडिंग प्रिंसिपल नहीं भेजे हैं जिसके आधार पर हिमाचली ही आवेदन कर सकें।

आयोग क्लास थ्री की केवल एक ही लेक्चरर केटागिरी की भर्ती कर रहा है। पहले इसकी जगह पीजीटी पदनाम था। बाकी क्लास थ्री की सारी केटागिरी कर्मचारी चयन आयोग हमीरपुर के माध्यम से होती है। पहले पीजीटी की भर्ती में इंटरव्यू होता था। 394 पदों पर लिखित के बाद इंटरव्यू हुआ। सूत्रों के अनुसार इसमें भी पांच अभ्यर्थी बाहर के भर्ती हुए हैं। हालांकि इंटरव्यू में ज्यादातर तवज्जो हिमाचलियों को दी गई।  

शिक्षा विभाग ने नहीं किया भर्ती नियमों में बदलाव : सुरेश भारद्वाज

शिक्षा मंत्री सुरेश भारद्वाज ने कहा कि शिक्षा विभाग ने भर्ती नियमों में कोई बदलाव नहीं किया है। ये नियम पूर्व की तरह हैं। इनके तहत वर्ष 2016 में भी शिक्षकों की भर्ती की गई थी। तब से पैट्रन जरूर बदला है। तब इंटरव्यू भी होता था जिसे अब समाप्त कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि क्लर्कों की भर्ती के बाद सरकार ने बड़ा फैसला लिया था। इसमें हिमाचल के शिक्षित युवाओं के हितों की रक्षा की गई थी लेकिन इसकी अधिसूचना क्यों नहीं हुई, इस पर उन्होंने हैरानी जताई। उन्होंने कहा कि सरकार हिमाचली युवाओं के हितों की चिंता कर रही है। ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट के बाद इस मामले को देखा जाएगा।

लागू नहीं हुए संशोधित आरएंडपी रूल्स

सरकार ने राज्य सचिवालय में हुई क्लर्कों की भर्ती से अधूरा सबक सीखा। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर की पहल के बाद सरकार ने आरएंडपी रूल्स तो संशोधित कर लिए पर इन्हें लागू नहीं कर पाई है। इसका खामियाजा लेक्चररों की भर्ती में भुगतना पड़ रहा है।

कब बदली व्यवस्था

पूर्व कांग्रेस सरकार ने अप्रैल 2017 में केंद्र सरकार की तर्ज पर क्लास थ्री और फोर के पदों की नौकरियों में इंटरव्यू की व्यवस्था खत्म की थी। लोक सेवा आयोग पर भी यह व्यवस्था लागू हो गई। इस व्यवस्था के तहत लेक्चरर की भर्ती पहली बार हो रही है। इसके लिए 85 अंक लिखित परीक्षा के रखे गए हैं। वहीं, 15 अंक पर्सनेलिटी टेस्ट के हैं। पंद्रह अंक किसके मिलेंगे, यह मानक भी राज्य सरकार के पहले से ही तय हैं। जो भी अभ्यर्थी लिखित परीक्षा में मैरिट पर आएगा, उसे भर्ती करने से रोक संभव नहीं होगी।

ऐसे में गैर हिमाचली बाजी मार सकते हैं। इससे हिमाचल के लाखों बेरोजगार सरकार से नाराज हैं। वे सरकार की नीति व नीयत पर सवाल उठा रहे हैं। उनका सवाल है कि सरकार कैबिनेट के उस फैसले को लागू क्यों नहीं कर पा रही है जिसके तहत क्लास थ्री और फोर में आठवीं, दसवीं व बारहवीं कक्षा हिमाचल के स्कूलों से ही उत्तीर्ण होने की शर्त लगाई गई है।

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मंत्रीत्रिमंडल के फैसले के बावजूद अधिसूचना अटकी

हिमाचल में क्लास थ्री व फोर की भर्ती में अन्य राज्यों के आवेदकों पर रोक लगाने के लिए मंत्रिमंडल ने फैसला लिया था। कार्मिक विभाग की ओर से इस फैसले के मुताबिक अधिसूचना का प्रारूप तैयार कर विधि विभाग को मंजूरी के लिए भेज दिया गया था। हिमाचल में क्लास थ्री व फोर में नौकरी के लिए राज्य से कम से कम दो कक्षाएं होने की अनिवार्यता लागू करने की तैयारी है। क्लास थ्री में दसवीं व जमा दो और क्लास फोर में आठवीं व दसवीं कक्षा हिमाचल से पास होने की अनिवार्यता करने की बात है। अब विधि विभाग ने इसमें पेच फंसा रखा है कि इसे किस तरह से लागू किया जा सकता है। इस पर अभी तक विधि विभाग के अधिकारियों में सहमति नहीं बन पा रही है। कार्मिक विभाग को अब विधि विभाग से मंजूरी का इंतजार है। इसके बाद ही सरकार की ओर से अधिसूचना जारी की जा सकेगी।

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