भट्ठाकुफर फल मंडी के ऊपर दरकी पहाड़ी, सेब की 300 पेटियां दबी
राजधानी शिमला की भट्ठाफुकर फल मंडी के ऊपर पहाड़ी दरक ग
जागरण संवाददाता, शिमला : राजधानी शिमला की भट्ठाफुकर फल मंडी के ऊपर पहाड़ी दरक गई। इससे मंडी में पहुंची सेब की करीब 300 पेटियां मलबे में दब गईं। गनीमत यह रही है कि इसमें जान का कोई नुकसान नहीं हुआ। बताया जा रहा है कि सोमवार सुबह से ही मंडी की छत पर हल्का भूस्खलन शुरू हो गया। इसके बाद दिनभर यह सिलसिला जारी रहा। मंडी के ऊपर स्थित पहाड़ी से मलबा गिरता रहा।
खतरा अधिक बढ़ता देखकर वहां मौजूद लोगों ने प्रशासन को जानकारी दी। मामले की सूचना मिलते ही जिला प्रशासन मौके पर पहुंचा और मंडी में मौजूद मजदूरों व लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला लेकिन सेब की करीब 300 पेटियों के मलबे में दबने की आशंका जताई जा रही है। हादसा होने और मौके पर मौजूद हालात देखने के बाद जिला प्रशासन ने मंडी बंद करवा दी है।
शिमला में इन दिनों सेब सीजन ने रफ्तार पकड़ ली है। सेब की हजारों पेटियां जिले के अलावा करसोग, आनी और सिराज के क्षेत्रों से बागवान अच्छे दाम मिलने की आस में यहां पहुंचाते हैं। ऐसे में मंडी बंद होने के कारण बागवानों, आढ़तियों और लदानियों की परेशानी बढ़ गई हैं।
ढली मंडी में बेच सकेंगे सेब
हादसे की सूचना मिलते ही जिला उपायुक्त अमित कश्यप प्रशासन के अन्य अधिकारियों समेत मौके पर पहुंचे। स्थिति का आकलन करने के बाद उन्होंने बताया कि भट्ठाकुफर फल मंडी के बंद होने के बाद ढली सब्जी मंडी में बागवानों को सेब बेचने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था बनाई जा रही है। इसके लिए संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए जा चुके हैं। सब्जी मंडी में सुबह से लेकर दोपहर 12 बजे तक सब्जी की खरीद फरोख्त का काम चलता है। 12 बजे के बाद मंडी में सेब की खरीद फरोख्त के लिए व्यवस्था बनाई जाएगी। इसके लिए एपीएमसी के पदाधिकारियों से बात कर ली गई है। उन्होंने बताया कि ठियोग के समीप पराला मंडी में भी सेब बेचने की व्यवस्था हो सकती है।
रोड पर लगा जाम, लोग परेशान
मंडी में जिलेभर से फल बेचने पहुंचे लोगों के वाहन और ढली, मैहली की ओर आवाजाही करने वाले सैकड़ों वाहनों को लंबे जाम का सामना करना पड़ा। वहीं पुलिस प्रशासन के लोग जाम खोलने में जद्दोजहद करते हुए दिखे। दिनभर मंडी के बाहर लोगों की भीड़ जुटी रही। लोगों ने घटना स्थल का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर शेयर करना शुरू कर दिया।
साल भर की कमाई बनी मिट्टी
मंडी में सेब बेचने पहुंचे बागवान सदमे में दिखे। दर्जनों बागवानों के सेब की पेटियां मंडी में दब गईं। सालभर सेब की फसल की पैदावार में बहाया खून पसीना मिट्टी होता दिख रहा था। बागवानों का कहना है कि पहले कोरोना महामारी के संक्रमण के खतरे के चलते मंदी चल रही थी। मार्केट में जब सेब के अच्छे दाम मिलने लगे तो मंडी बंद हो गई।