शिमला में छंटने लगी बाजार की भीड़
जागरण संवाददाता शिमला ऑकलैंड टनल से लेकर लक्कड़बाजार के रास्ते में गिने-चुने लोग आवाजा
जागरण संवाददाता, शिमला : ऑकलैंड टनल से लेकर लक्कड़बाजार के रास्ते में गिने-चुने लोग आवाजाही कर रहे थे। दो दिन की छुट्टियों के बाद काम पर लौटने पर जहां इस रास्ते पर दिनभर सैकड़ों लोगों की चहलकदमी दिखती थी, वह मंगलवार को नहीं दिखी। बेहद कम लोग अपने गंतव्य की ओर बढ़ रहे थे। इसमें अधिकतर लोग इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (आइजीएमसी) की तरफ आवाजाही करने वाले थे।
जैसे-जैसे कोरोना का खतरा बढ़ रहा है, लोग भी सरकार की ओर से जारी दिशानिर्देश का पालन कर रहे हैं। लोगों में ऐसी जागरूकता होना बहुत जरूरी है। वहीं कारोबार अच्छा होने की उम्मीद में दुकानदार अपनी दुकानें खोल ग्राहकों के इंतजार में थे। शहर में भीड़ कम होने के कारण यह माना जा रहा है कि सरकार ने सरकारी दफ्तरों में 50 फीसद कर्मचारियों को आने की अनुमति दी है और स्कूल व कॉलेज भी लंबे समय से बंद हैं। वहीं रात्रि कर्फ्यू के कारण पर्यटकों की संख्या भी घटती जा रही है। इसके अलावा कोरोना के खिलाफ जागरूकता बरतते हुए बाजार से लोगों की भीड़ छंट रही है।
शिमला में कोरोना का खतरा तेजी से बढ़ रहा है। हर वार्ड व गली मुहल्ले में रोजाना नए मामले सामने आ रहे हैं। मामले बढ़ने के साथ मरने वालों की दर भी दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है। नो मास्क, नो एंट्री और नो सर्विस
कोरोना को हराने के लिए शहर के कारोबारी भी आगे आ रहे हैं। संक्रमण के खतरे को कम करने के लिए शिमला के लोअर बाजार और मालरोड में कारोबारियों ने नो मास्क नो सर्विस अभियान शुरू किया है। कारोबारियों ने दुकानों के बाहर नो मास्क नो सर्विस के पोस्टर चिपकाए हैं। अभियान के तहत कारोबारी बिना मास्क वाले लोगों को सामान नहीं देंगे और लोगों को मास्क पहनने के लिए जागरूक करेंगे। कारोबारियों में निराशा
शिमला में पर्यटन सीजन शुरू हो गया है। बर्फबारी की आस में हर साल दिसंबर से लेकर मार्च में पर्यटकों की खूब आमद रहती थी। हालांकि इस बार नवंबर में ही बर्फबारी की शुरुआत हो गई थी, लेकिन कोरोना के कारण पर्यटन सीजन में तेजी नहीं आ रही है। लक्कड़बाजार विभिन्न प्रकार के लकड़ी से बने उत्पादों के लिए मशहूर है क्योंकि शिमला आने पर पर्यटक इन उत्पादों को देख खासे आकर्षित होते हैं। इस बार कारोबार में मंदी होने की वजह से कोरोबारियों में निराशा है।