होना पड़ेगा संस्थागत क्वारंटाइन, फिर मिलेगा काम
शिमला जिला में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा बढ़ने के बाद प्रशास
जागरण संवाददाता, शिमला : शिमला जिला में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा बढ़ने के बाद प्रशासन ने सख्ती बढ़ा दी है। सेब सीजन में बाहरी राज्यों से आने वाले मजदूरों को सीधे बागीचें में आने की अनुमति नहीं होगी। निर्माण कार्य के लिए भी जो मजदूर आएंगे उन्हें भी सीधे काम पर नहीं भेजा जाएगा। जिला में बनाए गए पांच बैरियर पर इन मजदूरों की स्वास्थ्य जांच होगी। उसके बाद इन्हें वहीं से संस्थागत क्वारंटाइन केंद्र भेज दिया जाएगा। सात दिन के लिए ये क्वारंटाइन केंद्र में रहेंगे। कोरोना की टेस्ट रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद ही इन्हें काम पर जाने की अनुमति होगी। प्रदेश सरकार के निर्णय के बाद जिला में इसे सख्ती से लागू कर दिया है। उपायुक्त शिमला अमित कश्यप ने इसको लेकर सभी एसडीएम, स्वास्थ्य कर्मचारियों और पुलिस को निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने कहा कि इन नियमों का सख्ती से पालन करें।
बागवान खुद करे संपर्क
प्रशासन की ओर से जारी निर्देशों में बागवानों से भी आग्रह किया गया है। उन्हें कहा गया है कि यदि उनके ध्यान में ऐसा मामला आता है तो संबंधित थाने, या फिर स्वास्थ्य कर्मचारी, एसडीएम को जानकारी दें। यदि कोई ठेकेदार नियमों की अवहेलना करता है और लेबर को सीधे काम पर लगा देता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। ठेकेदारों को निर्देश हैं कि लेबर की कार्यस्थल पर रहने की व्यवस्था करें।
यहां पर बढ़ाई चौकसी
सेब सीजन के लिए बनाए गए बैरियर शोघी, बलग, कुड्डू, गुम्मा, नेरवा के फैडिज पुल में सोमवार से सख्ती बढ़ा दी गई है। प्रशासन बाहर से आने वाले हर व्यक्ति की गहनता से जांच कर रहा है। बिना जांच के किसी को भी प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है। कोरोना संक्रमण बढ़ने के बाद प्रशासन ने ये कार्रवाई शुरू की है।
आने वाले दो माह महत्वपूर्ण
उपायुक्त शिमला अमित कश्यप ने कहा कि कोरोना संक्रमण लगातार बढ़ रहा है। आने वाले दो माह सभी के लिए महत्वपूर्ण है। इसके लिए लोगों को ज्यादा सावधानी बरतने की जरूरत है। किसी भी तरह की लापरवाही न बरतें। हर वर्ग प्रशासन का सहयोग करे। भीड़ भाड़ वाले ईलाके में न जाए। यदि जरूरी हो तभी घरों से बाहर निकलें। मास्क पहना अपनी आदत बना लें। हाथ धोना और सैनेटाइज करना न भूलें।