कोटखाई मामला: आरोपितों के शपथपत्रों पर हाईकोर्ट में फैसला सुरक्षित
कोटखाई मामले में सीबीआइ द्वारा आरोपित पुलिस कर्मियों के शपथपत्रों की मांग करने वाले आवेदन पर प्रदेश हाईकोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया।
शिमला, जेएनएन। कोटखाई में छात्रा की दुष्कर्म के बाद हत्या मामले में सीबीआइ द्वारा आरोपित पुलिस कर्मियों के शपथपत्रों की मांग करने वाले आवेदन पर प्रदेश हाईकोर्ट ने लंबी बहस के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया। कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल व न्यायाधीश संदीप शर्मा की खंडपीठ में मामले पर सुनवाई हुई।
सीबीआइ ने कोर्ट से आग्रह किया है कि उसे इस मामले में गवाह बनाए गए पुलिस कर्मी दीप चंद के शपथपत्र की प्रतिलिपि दी जाए। प्रतिलिपि मिलने पर उसे गवाह के होने वाले बयान व शपथपत्र में दी गई जानकारी आपस में परखी जा सकेगी। दीप चंद इस मामले में जांच अधिकारी था। सीबीआइ ने कहा कि वह इस मामले में बनाए गए अन्य सभी निजी प्रतिवादी पुलिस कर्मियों के शपथपत्र भी चाहती है। सीबीआइ ने सभी शपथपत्रों की प्रतिलिपि कोर्ट से मांगी है। सीबीआइ ने कोर्ट को यह भी बताया कि सूरज लॉकअप हत्याकांड में ट्रायल आगे नहीं बढ़ पा रहा है क्योंकि आरोपितों की ओर से पैरवी के लिए कोई वकील पेश नहीं हो रहा है।
कोटखाई में छात्रा की दुष्कर्म के बाद हत्या के आरोपित सूरज की लॉकअप में हत्या की गई थी। इस हत्या के बाद हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान वाली जनहित याचिका में तत्कालीन एसआइटी प्रमुख पूर्व आइजी जहूर एस जैदी समेत आठ पुलिस कर्मियों को प्रतिवादी बनाया। उनसे उनके द्वारा इस मामले में की गई जांच का विस्तृत ब्योरा शपथपत्र के माध्यम से देने के आदेश दिए थे। सभी प्रतिवादी पुलिस कर्मियों ने अपने
शपथपत्र सील्ड कवर में दायर किए हैं। सीबीआइ ने सीबीआइ कोर्ट में चार्जशीट दायर करने से पहले भी ये शपथपत्र मांगे थे। हाईकोर्ट ने ये शपथपत्र सौंपने से इन्कार कर दिया था क्योंकि सीबीआइ जांच लंबित थी। अब जबकि दोनों ही मामलों में चार्जशीट दायर की जा चुकी है, इसलिए सीबीआइ इन शपथपत्रों में दी गई जानकारियों का इस्तेमाल ट्रायल के दौरान करना चाहती है।