केएनएच का भवन नया, व्यवस्था पुरानी
प्रदेश के एक मात्र मातृ एवं शिशु अस्पताल के 17 करोड़ की लागत से बने भवन में मरीजों को शिफ्ट तो कर दिया है लेकिन नये भवन में भी व्यवस्थाएं पुरानी जैसी ही हो गई है।
ताराचंद शर्मा, शिमला
प्रदेश के एकमात्र मातृ एवं शिशु कमला नेहरू अस्पताल (केएनएच) के 17 करोड़ से बने नए भवन में मरीजों को शिफ्ट तो कर दिया है, लेकिन व्यवस्था पुरानी है। नए भवन में 78 बिस्तर लगाए हैं, जिसमें 120 मरीजों को दाखिल किया गया है। एक बिस्तर पर दो-दो महिलाओं को नवजात के साथ रहना पड़ रहा है। रात को जमीन पर ही महिलाओं को चट्टाई बिछाकर नवजात के साथ सोना पड़ रहा है। कुछ महिलाएं तो ऐसी भी हैं जो एक बिस्तर होने के कारण अंतराल के बाद एक-दूसरे को सोने के लिए कहती हैं। एक साथ दो मरीजों के बिस्तर पर होने के कारण संक्रमण का खतरा भी है। नया अस्पताल भवन इसलिए बनाया गया था ताकि एक बिस्तर पर दो दो मरीजों को सोने के लिए मजबूर न होना पड़ा, लेकिन अस्पताल के नए भवन में शिफ्टिग के दूसरे ही दिन स्थिति खराब हो गई है।
कमला नेहरू अस्पताल के नय भवन एंटीनेटल वार्ड के शौचालय की हालत ऐसी है कि शौचालय का नल खोलें तो सारा पानी वार्ड में पहुंच जाता है। शौचालय और वार्ड के फर्श की समान ऊंचाई है। इस कारण शौचालय का पानी बाहर आ जाता है।
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अस्पताल में टपकता है पानी
अस्पताल के नए भवन में पानी रिसता नहीं है बल्कि बरसता है। अस्पताल के पुराने ओटी से नए भवन के प्रवेश द्वार पर पुराने भवन की छत का पानी अंदर आ रहा है। ऐसे में प्रवेश द्वार पर तालाब बना हुआ है। इस कारण मरीजों और तीमारदारों को अंदर प्रवेश करना भी मुश्किल हो रहा है। एक सिस्टर के हवाले दो वार्ड
अस्पताल के एंटीनेटल वार्ड को नए भवन में शिफ्ट किया गया है। नए भवन के दो फ्लोर में एंटीनेटल वार्ड बनाए गए हैं। इसमें 120 मरीज और उनके नवजात को रखा गया है, लेकिन दोनों वार्ड का जिम्मा एक वार्ड सिस्टर के हवाले किया गया है। दोनों वार्ड की तीन शिफ्टों में पांच वार्ड सिस्टर को तैनाती दी गई है। ऐसे में मरीजों को भारी मुश्किलें झेलनी पड़ रही हैं। मरीजों की देखरेख भी प्रशिक्षु नर्सो द्वारा की जाती है।
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मैस कर्मचारी भी सफाई का नहीं रखते ध्यान
मैस के कर्मचारी वार्ड में खाना वितरित करने के लिए बाल्टी में चावल-दाल लाते हैं। एक तो पांचवीं मंजिल तक पहुंचते पहुंचते खुले बर्तन में खाना पहले ही ठंडा हो जाता है। दूसरा बिना दस्तानों के ही हाथ से खाना वितरित करते हैं। इससे संक्रमण फैलने का खतरा है, लेकिन अस्पताल प्रशासन को इसकी कोई परवाह नहीं है।
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नए भवन में शिफ्टिग के साथ भवन का ट्रायल भी लिया जा रहा है। एंटीनेटल वार्ड में अभी और बिस्तर लगाए जाएंगे, जिससे यह दिक्कत दूर हो जाएगी। जहां तक पानी अंदर आने की बात है तो लोक निर्माण विभाग को शिकायत कर दी गई है जल्द ही इसे भी ठीक कर दिया जाएगा।
-डॉ. सुभाष, कार्यकारी एमएस केएनएच।