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पर्यटकों व श्रद्धालुओं से किन्नर कैलास यात्रा पर न जाने की अपील, जानें क्‍या हैं कारण

कल्पा के एसडीएम डॉ. मेजर अवनिंद्र शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में पर्यटकों व श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे जान जोखिम में न डालते हुए इस वर्ष यात्रा पर न जाएं।

By Babita kashyapEdited By: Published: Fri, 26 Jul 2019 11:09 AM (IST)Updated: Fri, 26 Jul 2019 11:09 AM (IST)
पर्यटकों व श्रद्धालुओं से किन्नर कैलास यात्रा पर न जाने की अपील, जानें क्‍या हैं कारण
पर्यटकों व श्रद्धालुओं से किन्नर कैलास यात्रा पर न जाने की अपील, जानें क्‍या हैं कारण

रिकांगपिओ, जेएनएन। किन्नर कैलास यात्रा के लिए कल्पा के एसडीएम डॉ. मेजर अवनिंद्र शर्मा की अध्यक्षता में वीरवार को बैठक हुई। एसडीएम कार्यालय में आयोजित बैठक में पुलिस, अग्निशमन, राजस्व व वन विभाग के अधिकारियों के अलावा गृहरक्षकों, तांगलिंग व रिब्बा के प्रधानों व देव समाज के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। बैठक में यात्रा के दौरान पेश आने वाली चुनौतियों व समस्याओं पर चर्चा की गई।

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अवनिंद्र शर्मा ने कहा कि खराब मौसम, बर्फ से ढके रास्तों, ग्लेशियर व क्षतिग्रस्त वन हट्स को देखते हुए रिब्बा व पोवारी के देव समाज और प्रधानों द्वारा पारित प्रस्ताव पर निर्णय लिया गया है कि किन्नर कैलास यात्रा इस वर्ष स्थगित रहेगी। उन्होंने पर्यटकों व श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे जान जोखिम में न डालते हुए इस वर्ष यात्रा पर न जाएं। हर साल यह यात्रा अगस्त में होती थी। इस दौरान किन्नौर के डीएसपी विपन कुमार, कल्पा के नायब तहसीलदार गोपाल चंद, प्रधान ऊषा देवी, उपप्रधान आदि उपस्थित थे।

श्रीखंड महादेव के लिए अंतिम जत्था रवाना 

 उत्तर भारत की कठिनतम मानी जाने वाली 18570 फीट की ऊंचाई पर बसे श्रीखंड महादेव की यात्रा के लिए वीरवार को अंतिम जत्था रवाना होने के साथ ही श्रद्धालुओं का पंजीकरण बंद कर दिया गया है। अब शुक्रवार से किसी भी श्रद्धालु को श्रीखंड महादेव की यात्रा के लिए अनुमति नहीं दी जाएगी। एसडीएम आनी एवं श्रीखंड महादेव यात्रा ट्रस्ट के उपाध्यक्ष चेत सिंह  ने बताया कि 25 जुलाई को पंजीकरण के अंतिम दिन तक आधिकारिक तौर पर यात्रा पर जाने वालों की तादाद 5000 तक पहुंच चुकी थी। सभी यात्रियों के संभवत: 28 या 29 जुलाई तक बेस कैंप सिंहगाड पहुंच जाने की उम्मीद है। सभी यात्रियों के बेस कैंप लौट जाने के बाद प्रशासन अपने सभी इंतजामों को यात्रा के रास्ते से समेट लेगा।

साथ ही किसी को भी यात्रा पर जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। 24 जुलाई तक 4741 यात्रियों का पंजीकरण बेस कैंप सिंहगाड में किया गया था। वीरवार को हल्की बारिश में भी यात्रियों का उत्साह देखते बनता था। गौर रहे कि यह यात्रा प्रशासनिक तौर पर 15 जुलाई से शुरू हुई थी।

यात्रा के दौरान महाराष्ट्र के पुणे निवासी एक श्रद्धालु की पार्वतीबाग के पास ऑक्सीजन की कमी के कारण दम घुटने से मौत हो गई थी। यात्रा शुरू होने के दूसरे दिन पार्वतीबाग से आगे ग्लेशियरों के पिघलने के कारण पत्थर गिरने के चलते पांच लोगों को चोटें भी आई थी और करीब 50-60 लोग फंस गए थे। जिन्हें रेस्क्यू कर  लाया गया था। जबकि रास्ता क्षतिग्रस्त हो गया था और मौसम लगातार खराब चल रहा था। जिसके चलते 24 घंटों तक यात्रा को पार्वतीबाग से आगे रोक देना पड़ा था।

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