अगले हफ्ते आइजीएमसी में शुरू होंगे किडनी ट्रांसप्लांट
प्रदेश के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज व अस्प
जागरण संवाददाता, शिमला : प्रदेश के सबसे बड़े स्वास्थ्य संस्थान इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज व अस्पताल (आइजीएमसी) शिमला में अगले हफ्ते से किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा मिलनी शुरू हो जाएगी। किडनी फेलियर के मरीजों के लिए यह बड़ी राहत होगी। कोरोना संक्रमण के कारण एक साल से अस्पताल में किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा मिलनी बंद हो गई थी।
किडनी ट्रांसप्लांट करने के लिए एम्स (ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज) दिल्ली की ओर से टीम अगले हफ्ते आइजीएमसी पहुंचेगी। इसके लिए एम्स की टीम के साथ संपर्क साधा जा रहा है। आइजीएमसी के प्रधानाचार्य डा. रजनीश पठानिया का कहना है कि पूरा सेटअप तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा अन्य औपचारिकताएं भी पूरी की जा रही हैं। अगले हफ्ते तक ट्रांसप्लांट करवाने पर विचार किया जा रहा है। एम्स के डाक्टरों की अगुआई में ट्रांसप्लांट होगा। उन्होंने कहा कि कोरोना काल में संक्रमण फैलने की आशंका अधिक थी। अस्पताल में डाक्टर, स्टाफ सहित कई मरीज पॉजिटिव पाए गए थे। ऐसे में एक साल से किडनी ट्रांसप्लांट संभव नहीं हो सका। अब स्थिति बेहतर होने के बाद तैयार है।
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पहले 20 किडनी ट्रांसप्लांट करेगा एम्स
प्रदेश में पहली बार अगस्त 2019 से किडनी ट्रांसप्लांट की सुविधा मिलना शुरू हुई थी। 2019 से लेकर पिछले साल मार्च तक तीन मरीजों की किडनी ट्रांसप्लांट हुई। तीनों सफल ट्रांसप्लांट एम्स दिल्ली के विशेषज्ञ डाक्टरों की अगुआई में हुए। आइजीएमसी के डाक्टरों को प्रशिक्षण देने के लिए अगले 17 ट्रांसप्लांट्स भी एम्स के डाक्टर ही करेंगे। पूरी तहर प्रशिक्षित होने के बाद आइजीएमसी के डाक्टर ट्रांसप्लांट के लिए तैयार होंगे।
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नहीं लगाने पड़ेंगे दूसरे राज्यों के चक्कर
प्रदेश में किडनी ट्रांसप्लांट शुरू होने से मरीजों को दूसरे राज्यों के चक्कर लगाने से छुटकारा मिलेगा। दूसरे राज्यों में जाकर इलाज करवाने में अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ता था