बर्फबारी में कभी भी गिर सकता है स्कूल भवन
जागरण संवाददाता शिमला राज्य सरकार सरकारी स्कूलों में कान्वेंट स्कूलों की तर्ज पर सुि
जागरण संवाददाता, शिमला : राज्य सरकार सरकारी स्कूलों में कान्वेंट स्कूलों की तर्ज पर सुविधाएं देने के दावे करती है लेकिन शिमला जिले के पिछड़े क्षेत्र डोडरा क्वार के तहत राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला जिस्कून की हालत को देखते हुए दावे झूठे साबित हो रहे हैं। इस स्कूल की हालत काफी ज्यादा खराब है। स्कूल के दो कमरे कभी भी गिर सकते हैं। दोनों कमरों की छत क्षतिग्रस्त है। ऐसे में बर्फबारी में भवन कभी भी गिर सकता है।
स्कूल भवन की हालत खस्ता होने के कारण अभिभावक बच्चों को भेजने से डर रहे हैं। छठी से जमा दो तक कक्षा के स्कूल में 162 विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं। शिक्षा विभाग व जिला प्रशासन के समक्ष कई बार इस मामले को लाया जा चुका है, लेकिन प्रशासन इस तरफ ध्यान ही नहीं दे रहा है। स्थानीय लोगों का आरोप है कि प्रशासन और विभाग उन स्कूलों की मरम्मत करवाता रहता है जहां पर हालत ठीक है। जिन स्कूलों में बच्चे भी है वहां की सुध ही नहीं ली जाती।
एसडीएम डोडरा क्वार विश्व मोहन देव चौहान ने उपायुक्त शिमला को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा कि स्कूल में सुरक्षा दीवार व कमरों की छत की मरम्मत की जाए। उपायुक्त को लिखे पत्र में उन्होंने कहा कि स्कूल प्रबंधन समिति (एसएमसी) की तरफ से उनके ध्यान में इस मामले को लाया जा चुका है। इस स्कूल के भवन की हालत काफी खराब है। इसकी मरम्मत को लेकर एस्टीमेट तैयार किया है। इस पर 13 लाख 35 हजार 982 और करीब साढ़े तीन लाख सुरक्षा दीवार पर खर्च होने हैं। इसका पूरा एस्टीमेट तैयार करके भेज दिया है।
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एसएमसी ने लिखा पत्र
जिस्कून स्कूल की एसएमसी की बैठक में भी यह मामला उठा था। कमेटी ने बैठक में प्रस्ताव पारित कर उपायुक्त आदित्य नेगी, एसडीएम डोडरा क्वार और शिक्षा मंत्री को भी इस प्रस्ताव की प्रति भेजी थी। उन्होंने स्कूल भवन में सुधार करने की मांग उठाई है।
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100 स्कूलों में तो चारदीवारी भी नहीं
राज्य सरकार शिक्षा के क्षेत्र में बेहतरीन सुविधाएं देने के दावे करती है। वहीं दूसरी तरफ सरकार की यू-डाइस रिपोर्ट के अनुसार स्कूलों की हालत काफी खस्ता है। शिमला जिला में 280 हायर सेकेंडरी स्कूल हैं। इनमें 180 में ही चारदीवारी है। इसके अलावा 279 में पेयजल सुविधा, 277 स्कूलों में छात्र और 278 स्कूलों में छात्राओं के लिए शौचालय की सुविधा है। इसी तरह बिजली की सुविधा 278 स्कूलों में है। इंटरनेट की सुविधा 231 स्कूलों में ही है जबकि 270 स्कूलों में कंप्यूटर लगे हुए हैं।