जयराम बोले, हिमाचल पहला राज्य जहां नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर चर्चा हुई
मुख्यमंत्री ने सत्र के समापन पर कहा कि यह सबसे लंबा मानसून सत्र रहा है और विपरीत परिस्थियों में आयोजित किया गया है। मॉनसून के सबसे लंबे सत्र और नियम 67 की चर्चा के लिए जाना जाएगा।
शिमला, जेएनएन। मुख्यमंत्री ने सत्र के समापन पर कहा कि यह सबसे लंबा मानसून सत्र रहा है और विपरीत परिस्थियों में आयोजित किया गया है। इसे मॉनसून के सबसे लंबे सत्र और नियम 67 की चर्चा के लिए जाना जाएगा। भारत में हिमाचल पहला राज्य है जहां नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर चर्चा की गई।
हमें कोरोना संक्रमण के साथ जीना पड़ेगा यह सत्य है। हिमाचल की आर्थिकी में भी सुधार हो इस बात की भी भारी आवश्यकता थी। पर्यटन व्यवसाय से जुड़े लोगों को रोजगार मिले इसके लिए भी निर्णय लिए गए, क्योंकि कोरोना के कारण पर्यटन व्यवसाय को भारी नुकसान पहुंचा है। इसके अलावा ऐसे लोग जिनमें कोई लक्षण नहीं है तो ऐसे लोगों को अधिक से अधिक घर पर ही आइसोलेशन में ही रहने के लिए प्रेरित किया जाएगा। प्रदेश में 40 प्रतिशत से अधिक लोग जो कोरोना संक्रमण से ग्रस्त हैं घरों पर ही आइसोलेशन में हैं। जिन राज्यों में संक्रमण बहुत अधिक फैला है उन राज्यों में अधिकतर लोगों को घर पर आइसोलेशन में रखा जा रहा है जिनमें कोरोना के गंभीर लक्षण नहीं हैं। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि विपक्ष का काम सरकार को सचेत करना है। सरकार को हर सहयोग रहेगा।
विधानसभा का सत्र अनिश्चित काल के लिए स्थगित
दस दिनों के सत्र के दौरान पहली बार नियम 67 के तहत स्थगन प्रस्ताव पर अढ़ाई दिनों तक 6 घंटे 25 मिनट तक चर्चा हुई। यह इतिहास है स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा हुई। इस दौरान 434 तारांकित और 223 अतारांकित प्रश्नों के उत्तर दिए गए। नियम 61 के तहत पांच विषय जबकि नियम 62 के तहत 10 विषयों पर चर्चा हुई। 12 विधेयक प्रस्तुत हुए और उनपर चर्चा कर पारित हुए। 55 प्रतिवेदन प्रस्तुत किए गए।