मंडी से मुख्यमंत्री की ताजपोशी की जगी आस
भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से नव वर्ष के तोहफे के तौर पर मंडी जिला को मुख्यमंत्री पद मिलने को लेकर आशान्वित है।
मंडी/गोहर, जागरण टीम। 13वीं विधानसभा के चुनाव में भाजपा को मिले आपार बहुमत और भाजपा के शीर्ष नेता की अप्रत्याशित हार से एक बार फिर मंडी जिला से मुख्यमंत्री की ताजपोशी की आस जगती नजर आ रही है। सराज विधानसभा से लगातार पांचवीं बार चुनकर आए जयराम ठाकुर जिला में भाजपा के एक मात्र वरिष्ठ नेता हैं जो कि इस दौड़ में सबसे आगे हैं।
मंडी जिला का इतिहास देखा जाए तो हिमाचल प्रदेश टेरिटोरियल काउंसिल के प्रथम चेयरमैन तथा चच्योट हलके के प्रथम विधायक कर्र्म सिंह ठाकुर एक समय मुख्यमंत्री पद के सशक्त दावेदार थे। उन्हें पर्याप्त विधायकों का समर्थन भी प्राप्त था, लेकिन उनके अपनों के कारण यह संभव नहीं हो पाया और उपयुक्त परिस्थितियां होने के बावजूद मंडी जिला को यह सौभाग्य प्राप्त नहीं हो पाया। 1993 में एक बार फिर यह स्थिति बनी जब केंद्रीय मंत्री पंडित सुखराम इस पद के नजदीक थे और उन्हें तत्कालीन प्रधानमंत्री पीवी नरसिमहा राव का आशीर्वाद भी प्राप्त था, लेकिन वह भी अपनों के ही कारण इस दौड़ से बाहर हो गए तथा जिला को एक बार फिर मुख्यमंत्री के पद से वंचित होना पड़ा।
2017 के चुनाव परिणामों के बाद प्रदेश के वरिष्ठ नेतृत्व एवं मुखयमंत्री पद के चेहरे प्रो. प्रेम कुमार धूमल के चुनाव न जीत पाने से अबकि बार फिर से यह आस जगी है और इस बार जिला को जयराम ठाकुर के रूप में यह मौका मिलता नजर आ रहा है। यह बात भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह द्वारा सराज विस क्षेत्र के थुनाग में चुनावी रैली में जयराम को सत्ता में आने पर उपमुख्यमंत्री पद से नवाजे जाने की घोषणा से और भी पुख्ता होती है।
जयराम का राजनीतिक सफर
छह जनवरी, 1965 को जन्मे मृदुभाषी जयराम ठाकुर का जीवन प्रारंभ संघर्षमयी रहा है। घरेलू परिस्थितियां अनुकूल न होने के बावजूद जैसे कैसे प्रारंभिक शिक्षा के पश्चात कालेज में दाखिला लिया। यहीं से वह एबीवीपी से छात्र राजनीति में आए और पूरी निष्ठा के साथ संगठन की सेवा की।
1986 में वह एबीवीपी की प्रदेश इकाई में संयुक्त सचिव बने तथा 1989 से 93 तक एबीवीपी की जम्मू कश्मीर इकाई में संगठन सचिव रहे। 1993 से 95 तक वह भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा के प्रदेश सचिव तथा प्रदेश अध्यक्ष भी रहे। 2000 से 2003 तक वह जिला अध्यक्ष रहे तथा 2003 से 2005 तक भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश उपाध्यक्ष रहे। 2006 में जयराम भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष बने। 1998 में वह पहली
बार चच्योट विस क्षेत्र से विधायक चुने गए और इसके बाद 2003 तथा 2007 में चच्योट विस से लगातार जीत हासिल करते रहे। 2007 में उन्होंने भाजपा के अध्यक्ष के चुनावों में जीत दर्ज न करने मिथक को
तोड़ते हुए लगातार तीसरी जीत हासिल की।
डिलिमिटेशन के बाद उन्होंने 2012 में सराज हलके से चुनाव लड़ा तथा कांग्रेस की तारा ठाकुर को 5752 मतों से पराजित किया। अबकि बार उन्होंने कांग्रेस के चेत राम को 11254 मतों से हराया। प्रदेश का मुखिया तो भारतीय जनता पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को तय करना है, लेकिन जिस प्रकार से जयराम इस समय इस दौड़ में सबसे आगे चल रहे हैं उससे केवल सराज ही नहीं जिला भर की जनता भारतीय जनता
पार्टी के शीर्ष नेतृत्व से नव वर्ष के तोहफे के तौर पर मंडी जिला को मुख्यमंत्री पद मिलने को लेकर आशान्वित है।
टारना माता से आशीर्वाद के बाद जयराम शिमला रवाना
मुख्यमंत्री पद के प्रबल दावेदार माने जा रहे वरिष्ठ भाजपा नेता जयराम ठाकुर ने मंगलवार सुबह मंडी से शिमला रवाना होने से पहले प्रसिद्ध टारना माता मंदिर में माथा टेका। मां का आशीर्वाद लेने के बाद वह शिमला के लिए रवाना हुए। सराज हलके से लगातार पांचवीं बार जीत हासिल करने के बाद जयराम ठाकुर देर रात परिधि गृह मंडी पहुंचे।
यहां मंडी व कुल्लू जिला के कई नवनिर्वाचित विधायक पहले ही पहुंच गए थे। नवनिर्वाचित विधायकों ने जयराम ठाकुर का गर्मजोशी से स्वागत किया। कई घंटे तक पार्टी की जीत व सुजानपुर से मुख्यमंत्री के घोषित चेहरे प्रो. प्रेम कुमार धूमल की अप्रत्याशित हार के बाद उपजी स्थिति पर मंत्रणा की। सुबह टारना माता मंदिर में अपनी धर्मपत्नी के साथ पूजा अर्चना की और शिमला के लिए रवाना हो गए।
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