जयराम सरकार ने नौकरी से निकाले 50 आउटसोर्स कर्मी
बीवरेज निगम में दे रहे थे सेवाएं, कर्मियों का शोषण न होने के आश्वासन को ठेंगा।
शिमला, यादवेन्द्र शर्मा। जयराम सरकार आउटसोर्स कर्मचारियों के लिए नीति बनाने से इन्कार कर रही है। लेकिन उनका शोषण न होने देने का आश्वासन भी दे रही है। इस सबके बीच सरकार ने सत्ता संभालने के बाद पहली बार एक साथ करीब 50 आउटसोर्स कर्मचारियों को नौकरी से निकाल कर घर भेज बड़ा झटका दिया है।
पूर्व वीरभद्र सरकार द्वारा बनाए गए बीवरेज निगम को बंद करने के बाद इसमें आउटसोर्स पर सेवाएं देने वाले कर्मचारियों को निकाल दिया गया है। इन कर्मचारियों को आठ से 12 हजार रुपये मासिक वेतन दिया जा रहा था। निकाले गए कर्मचारियों में करीब 30 कनिष्ठ कार्यालय सहायक, चपरासी व अन्य शामिल हैं। इन्हें बीवरेज निगम के 30 डिपुओं में तैनात किया गया था। इसके अलावा बीवरेज निगम द्वारा चलाए जा रहे 30 डिपुओं में पांच-पांच सरकारी अधिकारी व कर्मचारी सेवाएं दे रहे थे। इनमें ईटीओ, निरीक्षक, होमगार्ड कर्मी, कनिष्ठ कार्यालय सहायक व चपरासी शामिल थे। आबकारी एवं कराधान विभाग के इन 24 अधिकारियों व कर्मचारियों और 40 के करीब होमगार्ड जवानों को बीवरेज निगम से निकालने के बाद उनके मूल विभाग में भेज दिया गया है।
चहेतों को फायदे के लिए बना बीवरेज निगम
पूर्व मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के कार्यकाल में शराब की थोक बिक्री का कारोबार सरकार ने अपने हाथ में रखते हुए एक जुलाई 2016 को हिमाचल प्रदेश बीवरेज निगम लिमिटेड का गठन किया गया। निगम को शराब की थोक बिक्री के लिए गठित किया था। निगम ने थोक बिक्री का काम अन्य राज्यों की 56 कंपनियों को दे दिया। सभी रिटेल वेंडरों को अनिवार्य तौर पर निगम से ही शराब खरीदनी थी। इससे पूर्व सरकार के उन चहेते लोगों को फायदा होना था जिनकी कंपनियां थीं। बीवरेज निगम को इस साल 10 जनवरी को कैबिनेट की बैठक में जयराम सरकार ने बंद कर दिया लेकिन कंपनी नियमों के अनुसार इसे तीन वर्ष तक चलाना होगा। अब करीब दस अधिकारी करोड़ों की वसूली और मामलों के निपटारे के लिए रखे गए हैं। कंपनी को किसी भी तरह के मुकदमे व अन्य मामलों और पुराने मामलों को निपटाने के लिए चलाना पड़ता है।
हटाया जाना था स्टाफ
बीवरेज निगम के बंद होने के बाद स्टाफ हटाया जाना था। कितना स्टाफ हटाया गया है, यह आबकारी एवं कराधान विभाग के आयुक्त के जिम्मे है।
-जेसी शर्मा, प्रधान सचिव, आबकारी एवं कराधान
160 करोड़ का नुकसान
बीवरेज निगम ने 56 कारोबारियों को लाइसेंस देकर थोक बिक्री का काम उन्हें दे दिया। ये कारोबारी निगम से शराब खरीदकर रिटेल वेंडरों तक पहुंचाते थे। इससे इन्हें तो करोड़ों का लाभ हुआ लेकिन कमाई कंपनियों के खाते में चली गई। बीवरेज निगम में घोटाले की जांच विजिलेंस कर रही है। नियमों के खिलाफ 56 कंपनियों को थोक बिक्री का काम देने से सरकार को 160 करोड़ का नुकसान हुआ जिसमें पंजाब व हरियाणा के कारोबारी शामिल थे। इसमें कांग्रेस नेताओं के भी नाम सामने आ रहे हैं।