सीबीआइ जांच के दायरे में आएंगी 48 कंपनियां
करों के 555 करोड़ रुपये के गड़बड़झाले में सीबीआइ की जांच के दायरे मे ंदेश की 48 कंपनियां आएंगी।
रमेश सिंगटा, शिमला
करों के 555 करोड़ रुपये के गड़बड़झाले में सीबीआइ की जांच देश की 48 शैल कंपनियों तक पहुंचेगी। हिमाचल प्रदेश के बाद अन्य राज्यों में भी जांच होगी। शैल कंपनियों का रिकॉर्ड प्रदेश की सीआइडी की एसआइटी खंगाल चुकी है। अब सीबीआइ की दिल्ली यूनिट जांच कर रही है। शैल कंपनियों के निदेशकों से भी पूछताछ होगी।
इन सब कंपनियों का संबंध इंडियन टेक्नोमेक कंपनी से है जिसने हिमाचल प्रदेश में छह हजार करोड़ रुपये का कर कर्ज घोटाला किया है। इसी कंपनी ने इंडियन टेक्नोमेटल कंपनी बनाई। यह भी शैल कंपनी है। इसके खिलाफ पिछले दिनों सीबीआइ की दिल्ली यूनिट ने केस दर्ज किया था। अब जांच आगे बढ़ाई जा रही है। इसके तार टेक्नोमेक कंपनी से जुड़ते दिखाई दे रहे हैं। जांच का दायरा बढ़ेगा तो कई राज खुलेंगे। शैल वो कंपनी होती है जिसे कागजों में दर्शाया जाता है। इसका अपना व्यापार नहीं होता है। पैसा एक जगह से दूसरी जगह दिखाने के लिए इन्हें बनाया जाता है। इन पैसों से कर्ज लेने के लिए ऐसा किया जाता है। ईडी ने दायर की है चार्जशीट
टेक्नोमेक कंपनी के घोटोले को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) कोर्ट में चार्जशीट दाखिल कर चुका है। अभी मनी लॉंड्रिंग मामले की जांच जारी है। इसमें मुख्य आरोपित दिल्ली निवासी आरके शर्मा को बनाया गया। इसके अलावा हिमाचल की सीआइडी तीन चार्जशीट दाखिल कर चुकी है। मुख्य आरोपित अभी दुबई में है। उसे विदेश से वापस लाने के प्रयास तेज हो गए हैं। नाहन की कोर्ट ने उसे भगौड़ा घोषित किया है। क्या है मामला
सीबीआइ के अनुसार इंडियन टेक्नोमेटल कंपनी ने यूनियन बैंक समेत कई बैकों से करीब 555.65 करोड़ रुपये कर्ज लिया था। इसके लिए बैंकों में फर्जी दस्तावेज जमा करवाए गए। इस संबंध में यूनियन बैंक की ओर से सीबीआइ को दिल्ली में शिकायत दी गई। दिल्ली में केस दर्ज हुआ। टेक्नोमेटल कंपनी के निदेशक राकेश कुमार शर्मा, निदेशक विनय शर्मा के अलावा कंपनी के अन्य अधिकारी और सरकारी कर्मचारी आरोपित बनाए गए। सीबीआइ को दी शिकायत में यूनियन बैंक (पूर्व में कॉरपोरेशन बैंक) की ओर से कहा गया कि टेक्नोमेटल कंपनी के निदेशकों और अन्यों ने षड्यंत्र रचकर कॉरपोरेशन बैंक, स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद (अब एसबीआइ) पंजाब नेशनल बैंक, पंजाब एंड सिध बैंक, यूको बैंक, सिडिकेट बैंक, सेट्रल बैंक ऑफ इंडिया व दो अन्य बैंकों से फर्जी दस्तावेजों के आधार पर कर्ज लिया। इस संबंध में सीबीआइ ने कंपनी के इसके पूर्व निदेशक विनय शर्मा के घर पर दबिश दी थी जो पूर्व उपायुक्त एमएल शर्मा के बेटे हैं। इसके बाद उनसे भी पूछताछ हुई।