बर्फ में फिसलकर आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की मौत मामले में रिपोर्ट तलब
कुल्लू जिला की सैंज घाटी के दुर्गम क्षेत्र शाक्टी में बच्चों को पोलियो की दवा पिलाने जा रही एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की मौत मामले पर सरकार ने जांच बिठा दी है। अतिरिक्त मुख्य सचिव सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग नीशा सिंह ने इसको लेकर उपायुक्त कुल्लू स्वास्थ्य विभाग से रिपोर्ट तलब की है। इसमें पूछा गया है कि जब रास्ता खराब था तो क्यों दुर्गम इलाकों में ड्यूटी रद्द नहीं की गई।
जागरण संवाददाता, शिमला : कुल्लू जिला की सैंज घाटी के दुर्गम क्षेत्र शाक्टी में पोलियो ड्राप्स पिलाने जा रही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की बर्फ में फिसलकर खाई में गिरने से मौत मामले में सरकार ने जांच शुरू कर दी है। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव निशा सिंह ने इस मामले में उपायुक्त कुल्लू व स्वास्थ्य विभाग से रिपोर्ट तलब की है।
रिपोर्ट में पूछा गया है कि जब रास्ता खराब था तो दुर्गम इलाकों में पोलियो ड्राप्स पिलाने की ड्यूटी रद क्यों नहीं की और स्वास्थ्य विभाग ने उस क्षेत्र में किसी पुरुष कर्मचारी की ड्यूटी क्यों नहीं लगाई? जब एक बूथ पर चार कार्यकर्ता होते हैं तो क्यों उस बूथ पर अकेले महिला कर्मचारी को भेजा गया? रिपोर्ट आने के बाद विभाग इस मामले में दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करेगा।
नियमों में प्रावधान न होने के बावजूद ड्यूटी के दौरान आंगनबाड़ी कार्यकर्ता गीता देवी की मौत होने पर विभाग उसके स्वजनों को उचित मुआवजा देगा। जिस तरह से मौत हुई है, उसे देखते हुए मुआवजा दिया जा सकता है। रविवार को पल्स पोलियो अभियान के दौरान शाक्टी में बच्चों को पोलियो ड्राप्स पिलाने जा रही आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की मौत हो गई थी। बर्फीले इलाके में महिला की मदद के लिए उसके पति साथ जा रहे थे। उनकी आंखों के सामने पत्नी ने दम तोड़ दिया था। न्यूली से शाक्टी गांव में बना पोलियोरोधी केंद्र सड़क से करीब 25 किलोमीटर जबकि महिला कार्यकर्ता के घर से 18 किलोमीटर दूर था जहां बर्फ में पैदल जाने के लिए करीब छह घंटे लगते हैं।
---------- आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की मौत मामले की रिपोर्ट मांगी गई है। उपायुक्त व स्वास्थ्य विभाग से रिपोर्ट आने के बाद इस मामले में कार्रवाई की जाएगी।
निशा सिंह, अतिरिक्त मुख्य सचिव, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग