इंडियन टेक्नोमेक घोटाला: दुबई में छिपा है 6000 करोड़ के घोटाले का मुख्य आरोपित
हिमाचल में हुए इंडियन टेक्नोमेक कंपनी में हुए छह हजार करोड़ के कर-कर्ज घोटाले का आरोपी दुबई में छिपा हुआ है।
शिमला, राज्य ब्यूरो। हिमाचल के सबसे बडे़ छह हजार करोड़ के कर-कर्ज घोटाले में इंडियन टेक्नोमेक कंपनी पर चौतरफा शिकंजा कसना आरंभ हो गया है। सूत्रों के अनुसार मुख्य आरोपित दुबई में छिपा है। स्टेट सीआइडी को सीबीआइ के माध्यम से इसकी सूचना इंटरपोल से आई है। यह पुख्ता सूचना है। इसके बाद से रेड कॉर्नर नोटिस जारी करने की प्रक्रिया तेज हो गई है।
सीआइडी जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि कंपनी ने 17 बैंकों का ढाई हजार करोड़ डकारा है। पहले यह 1600 करोड़ था। जांच एजेंसी को बैंकों से नई सूचना मिली है। इसके मुताबिक ब्याज समेत यह पैसा करीब 2500 करोड़ तक पहुंच गया है। 2013 में 25 जनवरी तक बैंकों का 1396 करोड़ बकाया था। कर्ज 1622 करोड़ का लिया गया था। इसमें से केवल 226 करोड़ का ही भुगतान हुआ।
उधर, प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बैंक फ्रॉड मामले में इंडियन टेक्नोमेक कंपनी, बैंक फ्रॉड मामले के आरोपित राकेश कुमार शर्मा, विनय कुमार शर्मा की 288 करोड़ की संपत्ति को अचैट किया है। ईडी मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत कारवाई कर रही है। हाईकोर्ट के निर्देश पर कंपनी की पांवटा स्थित संपत्ति की नीलामी होगी। ईडी इस बात की जांच कर रही है कि टेक्नोमेक ने कितनी दूसरी कंपनियों में पैसा लगाया है। जांच रिपोर्ट में बेनामी संपत्तियों का जिक्र किया गया है। आबकारी विभाग की तहकीकात में कंपनी के पास 233 बीघा भूमि होने का दावा जताया है। आबकारी व कराधान विभाग सिरमौर ने कंपनी की वैल्यूएशन हिमकॉन एजेंसी से करवाई है। उसने कंपनी की वैल्यूएशन 330 करोड़ रुपये आंकी है। यह आकलन 2018 के तय मानकों के अनुसार हुआ है
कब पकड़ में आया मामला
आबकारी एवं कराधान विभाग की इकोनॉमिक इंटेलीजेंस यूनिट में वर्ष 2014 में इंडियन टेक्नोमेक कंपनी की गड़बड़ियों को पकड़ा। तीन साल तक यह मामला हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में चलता रहा। दो साल से हिमाचल हाईकोर्ट में नीलामी का केस चल रहा है। सीआइडी ने इस पूरे मामले की गहनता से जांच की है। कंपनी ने बड़ा घोटाला किया। दो चार्जशीट कोर्ट में दाखिल हो चुकी हैं। मुख्य आरोपित को पकड़ने के गंभीर प्रयास हो रहे हैं।
-ज्ञानेश्वर सिंह ठाकुर, आइजी क्राइम
कहां-कहां बनाई संपत्तियां
कंपनी की तमाम संपत्तियां जांच के दायरे में हैं। आरोप है कि कपंनी के प्रबंध निदेशक राकेश कुमार शर्मा, विनय शर्मा, रंगनाथन श्रीनिवासन व अश्वनी शर्मा ने देश के दूसरे राज्यों व विदेशों में भी कुछ कंपनियों में बेनामी संपत्ति व कंपनियां बनाई। प्रबंध निदेशक राकेश कुमार शर्मा की दक्षिण अफ्रीका, दुबई, हांगकांग व सिंगापुर में भी कई कंपनियों में हिस्सेदारी बताई गई है। विनय कुमार शर्मा ने पांवटा साहिब के रामपुर माजरी में 56 बीघा की एक बेनामी संपत्ति खरीदी। इसी पर करोड़ों रुपये का लोन भी बैंक से ले लिया। इसके अलावा कंपनी के निदेशकों ने हरियाणा, उत्तर प्रदेश, दिल्ली सहित कई दूसरे राज्यों में भी बहुत सी बेनामी संपत्तियां खरीदी हैं।