शिक्षा के क्षेत्र में विश्व शक्ति बनकर उभरेगा भारत : मुख्यमंत्री
राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का उद्देश्य देश की बढ़ती विकासात्मक अनिवाय
जागरण संवाददाता, शिमला : राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का उद्देश्य देश की बढ़ती विकासात्मक अनिवार्यताओं को पूर्ण करना और शिक्षा प्रणाली के उन सभी पहलुओं में सुधार करना है, जो 21वीं शताब्दी की शिक्षा के अपेक्षित लक्ष्यों से संबंधित हैं। यह बात मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने शिमला से वैक्सपो इंडिया-2020 की ओर से राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर कर्नाटक में आयोजित शिक्षा वेबिनार में कही। मुख्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति भारतीय लोकाचार पर आधारित शिक्षा प्रणाली की परिकल्पना करती है। यह भारत में सभी को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान कर समान और जीवंत ज्ञान से सामाजिक परिवर्तन करने में सीधा योगदान देगी, जिससे भारत शिक्षा के क्षेत्र में विश्व शक्ति बनेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस नीति की परिकल्पना विद्यार्थियों में न केवल विचार से ही बल्कि भाव, बुद्धि और कर्म से भी भारतीय होने पर गर्व होने की भावना उत्पन्न करेगी। प्रदेश सरकार ने भी राज्य में नई शिक्षा नीति को प्रभावशाली तरीके से लागू करने का निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने वैक्सपो इंडिया और इसके संस्थापक डा. एसके नारायणन स्वामी की ओर से इस दिशा में किए प्रयासों के लिए सराहना की। जयराम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल की साक्षरता दर केरल के बाद देशभर में दूसरे स्थान पर है। देश की एक प्रतिष्ठित पत्रिका ने हिमाचल प्रदेश को शिक्षा के क्षेत्र में देश का श्रेष्ठ राज्य आंका है। वैक्सपो इंडिया के अवैतनिक सलाहकार और संस्थापक डा. एसके नारायणन स्वामी ने मुख्यमंत्री का स्वागत किया और राज्य में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करने में प्रदेश सरकार द्वारा उठाए गए कदमों की सराहना की। कर्नाटक के उप मुख्यमंत्री ने भी इस अवसर पर अपने विचार साझा किए। शिक्षा सचिव राजीव शर्मा भी इस अवसर पर उपस्थित रहे।