Move to Jagran APP

शिमला में बढ़ा इंसानों और जंगली जानवरों का टकराव

जिला में इंसानों और जंगली जानवरों के बीच टकराव लगातार बढ़ता ज

By JagranEdited By: Published: Sun, 04 Oct 2020 08:25 PM (IST)Updated: Mon, 05 Oct 2020 05:14 AM (IST)
शिमला में बढ़ा इंसानों और जंगली जानवरों का टकराव
शिमला में बढ़ा इंसानों और जंगली जानवरों का टकराव

जागरण संवाददाता, शिमला : जिला में इंसानों और जंगली जानवरों के बीच टकराव लगातार बढ़ता जा रहा है। हालांकि शिमला में वन्य प्राणियों के गांव व शहरों में घुसने, खेती, पालतू पशुओं को नुकसान पहुंचाने और इंसानों पर हमला करने की घटनाएं नई नहीं हैं। हर साल कई लोग जंगली जानवरों के हमलों में जान गंवा देते हैं। ऊपरी शिमला में भोजन की तलाश में भालू और तेंदुए अकसर इंसानी बस्तियों में पहुंच जाते हैं। शनिवार रात को नेरवा तहसील की रूसलाह पंचायत में पेश आई दिल दहलाने वाली घटना के बाद लोग सहम गए हैं।

loksabha election banner

राजधानी शिमला में ही करीब एक साल में छह से अधिक लोगों पर तेंदुए हमला कर चुके हैं। वहीं, जिला शिमला में तेंदुओं व भालुओं के साथ बंदरों का भी आतंक हैं। शहरी क्षेत्रों में बंदर लोगों पर हमला करते हैं तो ग्रामीण क्षेत्रों में फसलों को तबाह कर जाते हैं। अब तो लोग घर से बाहर निकलने से घबराने लगे हैं। वन विभाग के मुताबिक दो साल पहले किन्नौर जिला के रिब्बा में तेंदुए के हमले से महिला की मौत हो चुकी है। रामपुर में भालू कई लोगों को अपना शिकार बना चुके हैं। शिमला जिला के रामपुर, चौपाल, नेरवा, ठियोग आदि क्षेत्रों में तेंदुओं का सबसे ज्यादा आतंक है। यही नहीं शिमला शहर भी आए दिन लोगों को तेंदुए दिख जाते हैं। वन विभाग जगह जगह तेंदुओं को पकड़ने के लिए पिंजरे तो लगाता है, लेकिन इसमें सफलता नहीं मिलती है। वन विभाग के प्रधान अरण्यपाल आरके गुप्ता ने कहा कि जंगल कम हो गए हैं। ऐसे में जंगली जानवरों से इंसानों का टकराव बढ़ गया है। फिलहाल लोग सतर्क रहें।

-------

क्या बरतें एहतियात

-रात को अकेले घर से बाहर न निकलें।

-घर के बाहर लाइट जला कर रखें।

-बच्चों को अकेले बाहर न जानें दें।

-घर के आसपास झाड़ियां न उगने दें।

-रात को अकेले कहीं जा रहे हैं तो टॉर्च साथ रखें और शोर करते हुए चलें।

---------

रूसलाह में वन विभाग ने लगाए पिंजरे और ट्रैपिंग कैमरे

नेरवा तहसील की रूसलाह पंचायत के गांव शेइला में तेंदुए के हमले से बच्चे की मौत के बाद वन विभाग हरकत में आ गया है। तेंदुए को पकड़ने के लिए गांव में पिजरे लगाए जा रहे हैं। तेंदुए की लोकेशन का पता लगाने के लिए ट्रैपिग कैमरे भी लगाए हैं। वन विभाग के सीसीएफ आरके गुप्ता ने कहा कि पीड़ित परिवार को विभाग की ओर से चार लाख रुपये का मुआवजा दिया जाएगा। इसमें एक लाख रुपए फौरी तौर पर जारी कर दिए जाएंगे।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.