जुकाम व बुखार वाले नहीं कर सकेंगे रक्तदान
पताल (आइजीएमसी) में जुकाम व बुखार वाले तीमारदार रक्तदान नहीं कर पाएंगे। अस्पताल में रक्तदान से पहले तीमारदारों की विजिट हिस्ट्री पूछी जा रही है। कोरोना के प्रति एहतिहात बरतते हुए प्रशासन की ओर से यह फैसला लिया गया है। ऐसे में अस्पताल में रक्त की कमी गहरा सकती है। मौजूदा समय में अस्पताल में अगर
जागरण संवाददाता, शिमला : इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आइजीएमसी) शिमला में जुकाम व बुखार वाले तीमारदार रक्तदान नहीं कर पाएंगे। अस्पताल में रक्तदान से पहले तीमारदारों की विजिट हिस्ट्री पूछी जा रही है। कोरोना के चलते प्रशासन ने यह फैसला लिया है। ऐसे में अस्पताल में रक्त की कमी गहरा सकती है। मौजूदा समय में अस्पताल में अगर तीमारदारों को अपने मरीजों के लिए दो से अधिक यूनिट रक्त की जरूरत पड़ती है तो उन्हें अलग ब्लड ग्रुप का रक्तदान करने के लिए प्रेरित किया जाता है। विभिन्न विभागों में चल रहे ऑपरेशन में इमरजेंसी की स्थिति में मरीजों को रक्त चढ़ाया जाता है। अब अगर मरीजों के लिए तीमारदारों को दो से अधिक ब्लड यूनिट की जरूरत होगी तो ऐसे में उन्हें परेशानी झेलनी पड़ सकती है। तीमारदारों को सेहत का विशेष ध्यान रखना होगा।
आइजीएमसी के प्रधानाचार्य डॉ. रजनीश पठानिया ने बताया कि कोरोना के संभावित खतरे को देखते हुए ब्लड बैंक आने वाले सभी तीमारदारों से ब्लड लेने से पहले पूरी जानकारी ली जा रही है। खांसी व बुखार के लक्षणों वाले लोगों से रक्तदान शिविरों में ब्लड नहीं लिया जा रहा है। शिविरों में रक्तदान करने पहुंचे लोगों की थर्मल स्क्रीनिंग व जांच की जाती है। पूरी एहतिहात के बाद ही ब्लड लिया जाता है।
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रक्त की कमी से टले थे ऑपरेशन
शहर के अस्पतालों में पिछले दिनों लॉकडाउन के कारण शिमला में ब्लड की कमी चल रही थी। आइजीएमसी के विभिन्न वार्डों में ब्लड की कमी के कारण कई ऑपरेशन टाले गए। आइजीएमसी में प्रदेश के अलग-अलग स्थानों से मरीज पहुंचते हैं। मरीज की स्थिति गंभीर होने के कारण उन्हें रक्त की जरूरत पड़ती है। इमरजेंसी सहित थैलेसीमिया और हीमोफिलिया के मरीजों के लिए अस्पताल में रोजाना 40 से 50 यूनिट की खपत हो जाती है। बताया जा रहा है कि ब्लड की कमी को पूरा करने के लिए ब्लड बैंक की ओर से समय समय पर रक्तदान शिविर लगाए जा रहे हैं ताकि अस्पताल में रक्त की कमी न हो।