पहाड़ पर 68 हजार सीसीटीवी कैमरे रखेंगे अब नजर
जागरण टीम शिमला/मंडी पहाड़ पर अब चौबीस घंटे तीसरी आंख की कड़ी नजर रहेगी। हिमाचल
जागरण टीम, शिमला/मंडी : पहाड़ पर अब चौबीस घंटे तीसरी आंख की कड़ी नजर रहेगी। हिमाचल प्रदेश में 68 हजार सीसीटीवी कैमरे स्थापित होंगे। सार्वजनिक व धार्मिक स्थानों, सड़क, व अहम ठिकानों पर पैनी नजर रखी जाएगी। ये कैमरे चरणबद्ध तरीके से स्थापित होंगे। अभी प्रदेश में 19 हजार कैमरे स्थापित हैं। यहां राजस्थान का जयपुर मॉडल लागू होगा।
इस संबंध में हिमाचल पुलिस मुख्यालय में रिकॉर्ड 65 दिनों के अंदर राज्य स्तरीय पुलिस कमांड सेंटर (कमान केंद्र) स्थापित किया गया है। इसे लेकर हिमाचल पुलिस और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी) मंडी में सहमति पत्र (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए। आइआइटी पुलिस को तकनीक में सहयोग करेंगी। एडीजीपी सीआइडी एनवेणुगोपाल को नोडल अधिकारी बनाया गया है।
काश! पहले हो जाती जाती शुरुआत : सीएम
शुक्रवार को कमांड सेंटर का शुभारंभ मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने किया। उन्होंने कहा कि अब प्रदेश में अपराधी किसी भी सूरत में भाग नहीं पाएगा। अगर भागा तो तकनीक की मदद से पकड़ा जाएगा। उन्होंने डीजीपी को नई पहल करने के लिए शाबाशी दी। कहा कि काश! यह शुरुआत वर्षों पहले हुई होती तो आज और बेहतर नतीजे आते। मुख्यमंत्री ने कहा कि इससे प्रदेश पुलिस की कार्यप्रणाली में सुधार आएगा।
चार जिलों में कमांड सेंटर प्रभावी
प्रदेश में कुल्लू, सिरमौर, किन्नौर और बद्दी पुलिस जिलों में चार कमांड सेंटर प्रभावी रूप से कार्य कर रहे हैं। प्रदेश सरकार शेष जिलों में भी ऐसे ही केंद्र खोलेगी। शहरी विकास मंत्री सुरेश भारद्वाज ने नई प्रणाली के लिए डीजीपी संजय कुंडू और उनकी टीम को बधाई दी। डीजीपी ने कहा कि राज्य पुलिस विभाग नियमित रूप से पुलिस, तकनीकी विशेषज्ञों, आइआइटी अध्यापकों, शोधकर्ताओं, विद्यार्थियों को सम्मिलित कर अकादमिक सम्मेलन, कार्यशालाओं का आयोजन करवाएगा। इस मौके पर बद्दी, कुल्लू, सिरमौर, किन्नौर के एसपी ने प्रस्तुति दी। आइआइटी मंडी पुलिस को देगा अनुसंधान, विश्लेषण व नई तकनीक का प्रशिक्षण
आइआइटी मंडी हिमाचल पुलिस के अधिकारियों व जवानों को अनुसंधान, विश्लेषण व नई तकनीक का इस्तेमाल करने का प्रशिक्षण देगा। एमओयू पांच साल के लिए किया गया है। एमओयू पर आइआइटी मंडी के निदेशक प्रो. अजीत के चतुर्वेदी व पुलिस महानिदेशक संजय कुंडू ने हस्ताक्षर किए। इसका उद्देश्य पुलिसकर्मियों को अत्याधुनिक बनाने के लिए आवश्यक नई तकनीकों, अनुसंधान व विश्लेषणों की जानकारी देना, अपराध व कानून व्यवस्था के भौगोलिक विश्लेषण, साइबर अपराध, साइबर सुरक्षा, यातायात प्रबंधन, खतरा व सुरक्षा की जानकारी देना है। एमओयू का एक अन्य पहलू प्रदेश पुलिस को यह सक्षमता प्रदान करना है कि वह आइआइटी को शोध पत्र प्रकाशित करने व विशिष्ट प्रोजेक्ट के संचालन में मदद करे। आइआइटी प्रत्येक शैक्षणिक सत्र में विद्यार्थियों को राज्य पुलिस मुख्यालय के माध्यम से छोटी अवधि के इंटर्नशिप (एक सप्ताह से एक महीने तक) के लिए राज्य पुलिस इकाइयों व पुलिस स्टेशनों में भेजेगा। इंटर्नशिप के दौरान छात्र आइटी से संबंधित मामलों की प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआइआर) देखेंगे। ऐसे मामलों में प्रौद्योगिकी के उपयोग में पुलिस अधिकारियों की मदद करेंगे। यह इंटर्नशिप प्रोग्राम छात्रों को बेजोड़ अनुभव देगा।
आइआइटी मंडी के निदेशक प्रो. अजीत के चतुर्वेदी ने बताया कि तकनीकी प्रक्रिया, आइटी साक्ष्य संग्रह, जिला तकनीकी सेल के समन्वय, कामकाज व तकनीकी जांच में जांच अधिकारियों (आइओ) की चुनौतियों पर नियमित शैक्षिक सम्मेलन, कार्यशालाएं व विमर्श होंगे।