डा. शिखा ने पित्त की नली के कैंसर का बिना चीरफाड़ किया उपचार
जागरण संवाददाता शिमला इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज एवं अस्पताल (आइजीएमसी) शिमला के रेडियोलाजी
जागरण संवाददाता, शिमला : इंदिरा गांधी मेडिकल कालेज एवं अस्पताल (आइजीएमसी) शिमला के रेडियोलाजी विभाग के इंटरवेशन रेडियोलाजिस्ट एसोसिएट प्रोफेसर डा. शिखा सूद ने पित्त की नली के कैंसर का बिना चिरफाड़ कर उपचार कर जीवनदान दिया है। उक्त 51 वर्षीय मरीज गालब्लैडर के कैंसर से ग्रस्ति था। इसके बाद मरीज की कीमोथेरेपी भी संभव हो सकी है।
कुछ समय पहले मरीज को पीलिया हुआ तो अल्ट्रासाउंड व सीटी स्कैन से पता चला कि कैंसर की वजह से उनके जिगर के पास लिम्फसनोड बन गए हैं और उनकी पित्त की नली में रुकावट आ रही है। इसकी वजह से उन्हें पीलिया हो गया है। ऐसे में आपरेशन करना संभव नहीं था क्योंकि यह इंफेक्शन आर्टरी को घेरे हुए था जोकि हृदय को खून सप्लाई करती है।
डा. शिखा सूद ने बिना चीरफाड़, बिना बेहोश किए मरीज की पेट की चमड़ी से जाते हुए जिगर से गुजरकर रूकी हुई पित्त की नलियों को खोल दिया और उनका पित्त आपरेशन के बाद सामान्य रूप में आतों में जाने लगा और मरीज का पीलिया बिल्कुल ठीक हो गया।
इसके बाद मंगलवार को मरीज को थैरेपी दी गई। इससे मरीज के भीतर लिम्फसनोड को जला दिया गया। इस तरह का यह पहला सफल आपेरशन आइजीएसमी के इतिहास में पहली बार हुआ है।
डा. शिखा सूद का कहना है कि इस उपचार से अब वह मरीज जो गालब्लैडर व पित्त की नलियों के कैंसर जोकि आपरेशन के दायरे से बाहर जा चुके होते हैं, का इलाज संभव हो सकेगा। उन्होंने बताया कि यह प्रणाली उन्होंने अपने शिक्षक प्रोफेसर शिवानंदन गमनगट्टी से सीखी, जोकि एम्स नई दिल्ली में प्रोफेसर के रूप में कार्यरत हैं।
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मरीज ने स्वयं होते देखा आपरेशन
डा. शिखा सूद एम्स नई दिल्ली से गेस्ट्रोइंटेस्टाइनल रेडियोलाजी में फेलोशिप करके आई हैं। डा. शिखा सूद ने बताया कि आपरेशन के वक्त मरीज होश में था तथा आपरेशन स्वयं देख रहा था और डाक्टर से बात भी कर रहा था।
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आपरेशन में यह रहे मौजूद
आपरेशन के दौरान रेडियोथेरेपी विभाग के एचओडी डा. मनीष, डा. दीपक तुल्ली, डा. ललित, डा. जॉन, रेडियोग्राफर तेजेंद्र, नर्स ज्योति, सुनीता व वैजंती मौजूद रहीं।