बिस्तर से न हिल सकने वाले मरीज भी ले सकेंगे आराम की नींद, जानिए कैसे
प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में अब एक ही स्थान पर हिलने में असमर्थ मरीज भी आराम की नींद ले सकेंगे।
शिमला, जागरण संवाददाता। प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (आइजीएमसी) शिमला में अब एक ही स्थान से हिल पाने में असमर्थ मरीज भी आराम की नींद ले सकेंगे। आइजीएमसी प्रशासन ने 150 मेडिसनल गद्दे खरीदे हैं। प्रत्येक वार्ड में पांच से छह गद्दे दिए गए हैं। पहले आइजीएमसी में यह सुविधा उपलब्ध नहीं थी। ऐसे में मरीजों को बाहर से खरीद कर गद्दे लाने पड़ रहे थे। बाजार में इस गद्दे की कीमत सात हजार रुपये है। गद्दों की भारी कीमत होने के कारण आम लोग इसे नहीं खरीद पाते थे और मरीज को बैड सोयर होने के कारण भारी तकलीफ झेलनी पड़ती थी।
किन मरीजों को रहती है जरूरत
आर्थो व कोमा में गए मरीज को इन गद्दों की ज्यादा जरूरत रहती है। क्योंकि यह मरीज अपने आप हिलने में असमर्थ नहीं होते हैं। ऐसे में एक स्थान पर लेटे लेटे उन्हें पीठ में घाव हो जाते हैं। इससे मरीज की हालत सुधरने के बजाय और बिगड़ जाती है। कई बार तो ऐसा भी होता है कि मरीज की बीमारी ठीक हो जाती है लेकिन घाव के कारण मरीज की तकलीफ ठीक नहीं होती। ऐसे मरीजों को मेडिसनल गद्दे एबी बैड की सलाह डॉक्टर देते थे।
अस्पताल प्रशासन ने 150 मेडिसनल गद्दे खरीदे हैं। जरूरतमंद मरीजों को निशुल्क उपलब्ध करवाए जा रहे हैं। पहले गंभीर मरीजों को यह स्वयं खरीदने पड़ते थे। इस कारण मरीजों को दिक्कत झेलनी पड़ती थी। -डॉ. राहुल राव, एमओ स्टोर, आइजीएमसी शिमला।
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